नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पारदर्शिता और जवाबदेही को मोदी सरकार का आदर्श वाक्य बताते हुए कहा है कि इसने भारत को कभी पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शुमार रहे देश से विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया है और विश्व आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। राजधानी दिल्ली में ‘हमारा संकल्प विकसित भारत’ की थीम के साथ वर्ष 2024 के लिए भारत सरकार का कैलेंडर लॉन्च करते हुए ठाकुर ने कहा कि भारत ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में शानदार प्रगति की है। जो देश मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा आयातक था, वह आज दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। जो देश कभी वैक्सीन आयात करता था, वह अब वैक्सीन मैत्री के तहत पूरी दुनिया को वैक्सीन बांट रहा है। भारत आज विनिर्माण के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल कर चुका है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि जिन स्थानों पर भारत की उपस्थिति नगण्य थी, वहां भी भारत अब एक महत्वपूर्ण शक्ति बन चुका है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। सरकार महिला सशक्तिकरण को सर्वोपरि मानती है और यह एक ओर उज्ज्वला योजना और दूसरी ओर ड्रोन दीदी के रूप में परिलक्षित होता है। वर्तमान सरकार ने ही स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू की और इसके अलावा सरकार ने किसानों की समृद्धि पर अब तक 2.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ठाकुर ने कहा कि 2023 समाप्त होने के साथ ही 2024 अवसरों की एक नई सुबह लेकर आ रहा है। दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है, दुनिया नेतृत्व के लिए भारत की ओर देख रही है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने ‘हमारा संकल्प विकसित भारत’ विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। नए वर्ष के कैलेंडर के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि नए वर्ष के 12 महीने के इस कैलेंडर में अलग-अलग क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को दिखाने और बताने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ये दिख रहा है कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने कैसे नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
आपको बता दें कि, नए वर्ष के इस कैलेंडर का प्रत्येक महीना पिछले लगभग दस वर्षों में भारत सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में बताता है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के वादे को साकार करने के लिए कई सरकारी एजेंसियों द्वारा किए गए अथक प्रयासों को भी व्यक्त करता है। कैलेंडर में दर्शाए गए अलग-अलग महीनों की थीम की बात करें तो जनवरी की थीम आत्मनिर्भर और सशक्त भविष्य की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों की याद दिलाती है।
फरवरी युवाओं के योगदान को बढ़ाने, देश को एक उज्ज्वल और अधिक समावेशी भविष्य की ओर प्रेरित करने का आह्वान करती है। मार्च की थीम ‘वंचितों को प्राथमिकता’ है, यह एक अनुस्मरण है कि सच्ची प्रगति उन लोगों को सहायता प्रदान करने में निहित है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। अप्रैल की थीम हर क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने, एक ऐसे भविष्य को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने को प्रोत्साहित करती है, जहां उनका नेतृत्व और योगदान निर्णय लेने एवं सतत विकास में महत्वपूर्ण हो सकता है। हमारे समर्पित किसानों के अविश्वसनीय काम को प्रमुखता देना, मई महीने का मुख्य आकर्षण है। यह कृषि उन्नति के लिए नीतियों, स्थायी तौर-तरीकों का समर्थन और देश के अन्नदाताओं का कल्याण, सुनिश्चित करने पर सरकार द्वारा दिए गए महत्व पर बल देता है।
जून महीने की थीम ‘रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों में वृद्धि’ के साथ रोजगार सृजन और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित करना है, जिसके फलस्वरूप आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। जुलाई हमारे समाज के मुख्य आधार, मध्यम वर्ग का उत्सव मनाने से संबंधित है। उनकी कड़ी मेहनत ‘न्यू इंडिया’ की भावना को परिभाषित करती है और वे विकास व नवाचार को बढ़ावा देने में सबसे आगे हैं।
अगस्त का महीना विश्व आर्थिक मंच पर भारत के बढ़ते महत्त्व को दर्शाता है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसी प्रमुख पहलों के साथ, भारत ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अपना मार्ग प्रशस्त किया है। सितंबर माह देश की प्रगति के लिए एक सुदृढ़ आधारशिला निर्माण में पिछले दस वर्षों में देश द्वारा की गई परिवर्तनकारी कदमों का प्रमाण है। अक्टूबर का महीना हमें देश के स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने वाले आयुष्मान कार्डों, जन औषधि केंद्रों और नए एम्स व जिला अस्पतालों के साथ ही आम जन तक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच तथा क्षमताओं में हुई बढ़ोतरी पर बल देकर स्वस्थ भारत के दृष्टिकोण का उत्सव मनाने के लिए आमंत्रित करता है।
नवंबर की थीम हमारी अंतर्निहित जीवंत संस्कृति पर गर्व करने से लेकर विभिन्न कला रूपों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक वंशावली को सशक्त करने के उद्देश्य से देश के सांस्कृतिक विरासत स्थलों को संरक्षित करने तथा समग्र एवं सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए हमारे मूल्यों व संस्कृति को सहेज कर रखने से संबंधित है। दिसंबर के कैलेंडर में भारत द्वारा वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श वाक्य- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य और मिशन लाइफ जैसी महत्वपूर्ण पहल के साथ विश्व मित्र के रूप में स्वयं को स्थापित करने के बारे में बताया गया है।