2 हजार क्विंटल फूड ग्रेड महुआ के संग्रहण का लक्ष्य, गरियाबंद के फरसरा में 5 से प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण

रायपुर। प्रदेश के महुआ संग्राहकों को अधिक से अधिक मूल्य दिलाने के लिए इस वर्ष महुआ फूल (सूखा) के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्धति से संग्रहित फूड ग्रेड महुआ का क्रय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जाएगा। इसके लिए महुआ संग्राहकों को फूड ग्रेड के महुआ फूल के संग्रहण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा महुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 33 रूपए प्रति किलोग्राम घोषित किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने के बाद बाजार में संग्राहकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य मिल रहा है। यदि महुआ संग्राहक फूड ग्रेड के महुआ का संग्रहण करते हैं, तो इसका मूल्य 50 रूपए प्रति किलोग्राम है। महुआ संग्रहण तथा प्रसंस्करण में उन्नत वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करने पर फूड ग्रेड महुआ का वर्तमान में 116 रूपए प्रति किलोग्राम तक मूल्य मिल रहा है।
महुआ संग्राहकों को फूड ग्रेड महुआ के संग्रहण का प्रशिक्षण देने के लिए गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र के ग्राम फरसरा में प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण 5 मार्च को आयोजित किया गया है, जिसमें पूरे प्रदेश से लगभग 60 से 80 प्रतिभागी शामिल होंगे। फूड ग्रेड के महुआ के संग्रहण के लिए महुआ पेड़ के नीचे नेट फैलाकर एक छत्र तैयार किया जाता है। पेड़ से गिरने वाला महुआ फूल इस नेट में इक_ा होगा, जो जमीन की धूल और रेत से सुरक्षित रहेगा। इन महुआ फूलों को इकठा कर वेजिटेबल कैरेट में पॉलीथीन बिछाकर रखा जाएगा, जिसे संग्राहक अपनी प्राथमिक वनोपज समिति में बेच सकेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में वनवासियों को लघु वनोपजों के संग्रहण और प्रसंस्करण के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण की प्रक्रिया विकसित की गई है।
राज्य में वर्ष 2022 में 2000 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इसके विक्रय के लिए अग्रिम निविदा जारी की गई। प्रथम चरण में 1150 क्विंटल महुआ फूल 116 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर विक्रय हुआ है।
उल्लेखनीय है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज क्रय की छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत महुआ की खरीदी भी की जाती है। वनमण्डाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2021-22 में जिला यूनियन गरियाबंद द्वारा प्राथमिक वन समितियोंं तथा महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से 28 हजार क्विंटल लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जिसके एवज में संग्राहकों को 8 करोड़ रूपए का संग्रहण पारिश्रमिक वितरित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *