अमित शाह ने दिलाई गुजरात दंगों की याद- पीएम मोदी ने 2002 में सबक सिखाया था

साणंद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुजरात के साणंद में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 में मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में दंगाइयों को ऐसा सबक सिखाया कि आज तक किसी ने राज्य में दोबारा दंगा कराने की हिम्मत नहीं की। शाह ने अनुच्छेद 370 को ''पल में'' निरस्त करने और भगवान राम के लिए मंदिर बनाने के लिए भी पीएम मोदी को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि एक समय भगवान राम एक 'तंबू' में रहते थे।

अमित शाह ने कहा, “2002 में, दंगे हुए और उसके बाद मोदी साहब ने ऐसा दोबारा न हो इसका सबक सिखाया। क्या उसके बाद दंगे हुए? 2002 में दंगाइयों को ऐसा सबक सिखाया गया कि आज तक किसी की गुजरात में दंगा कराने की हिम्मत नहीं हुई।" शाह ने साणंद ग्राम पंचायत में एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। उन्होंने "गुलामी की मानसिकता को जड़ से खत्म करने" के साथ-साथ 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया। पाकिस्तान को सबक सिखाने, अयोध्या राम मंदिर, इस साल चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा, "पहले हमारे यहां हर दिन बम धमाके होते थे, प्रिंट पत्रकार छापना भूल जाते थे, इतने सारे धमाके होते थे जिनका कोई अंत नहीं होता था। लेकिन एक बार सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से हमने पाकिस्तान को सबक सिखाया…नरेंद्र भाई ने देश को सुरक्षित बना दिया है।"

रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने कहा, “कश्मीर में धारा 370 हटाने का सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना मोदी साहब ने एक झटके में पूरा कर दिया…500 साल से हमारे ही देश के भगवान राम तंबू में रह रहे थे, मंदिर नहीं बन सका। नरेंद्र भाई ने मंदिर बनाने का काम पूरा किया। पूरी दुनिया चांद पर पहुंच गई लेकिन हमारा झंडा नहीं पहुंच सका। नरेंद्रभाई ने चंद्रमा पर चंद्रयान भेजा और शिवशक्ति प्वाइंट पर हमारा तिरंगा ऊंचा लहराया। उन्होंने ऐसा काम किया है कि देश की अर्थव्यवस्था में सभी मानक पिछले 75 वर्षों में सर्वोत्तम स्तर पर हैं। अगर 10 साल का अंतराल लें तो नरेंद्र भाई के कार्यकाल में औद्योगिक विकास सबसे ज्यादा हुआ है।” शाह ने कहा कि "यह भगत सिंह, खुदीराम बोस, रानी लक्ष्मीबाई जैसे शहीदों के सपने को पूरा करने का समय है, जिन्होंने भारत को दुनिया में नंबर एक बनाने के लिए हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।" शाह ने युवाओं से उसी दिशा में काम करने का आह्वान किया।