लखनऊ। यूक्रेन के राजदूत का रूसी हमले की तुलना मुगलों के आक्रमण से करना एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को काफी अखरा है। उन्होंने भारत में यूक्रेनी राजदूत डॉ. इगोर पोलिखा के बयान पर गहरी आपत्ति जताई है। ओवैसी ने भारतीय इतिहास के बारे में पोलिखा के ज्ञान पर सवाल उठाया है। साथ ही ताज्जुब जताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें ‘मुगलों’ का उपयोग करने का आइडिया कहां से आया। भारत में यूक्रेन के राजदूत राजदूत डॉ. इगोर पोलिखा ने मंगलवार को राजधानी में पत्रकारों से बातचीत में रूस के हमले को नरसंहार करार दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि यह ठीक वैसा है जैसा मुगलों ने राजपूतों के साथ किया।
पोलिखा का बयान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ ओवैसी को बिल्कुल नागवार गुजरा है। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘महामहिम को मध्यकालीन भारतीय इतिहास के बारे में अपना आधा-अधूरा ज्ञान अपने पास रखना चाहिए। जो हो रहा है उसका इससे कोई लेनादेना नहीं है। इसके अलावा यह इस्लामोफोबिया का प्रतीक है। ताज्जुब है कि नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें ‘मुगलों’ का उपयोग करने का विचार कहां से आया।’
पोलिखा ने कहा था कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण कुछ वैसा ही है जैसे भारत के इतिहास में राजपूतों का मुगलों ने नरसंहार किया था। हम हर बार दुनिया के प्रभावी नेताओं से कह रहे हैं कि आप लोग हर उस संसाधान का इस्तेमाल करें जिससे पुतिन को यूक्रेन पर हमला करने से रोका जा सके। इन नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है।
युद्ध प्रभावित यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार सुबह गोलाबारी में भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई थी। नवीन कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले थे। यूक्रेन में वह मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जारी युद्ध में यह किसी भारतीय व्यक्ति की मौत का पहला मामला था। घटना के बाद भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों के राजदूतों से भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने को कहा था।