और बढ़ेगी कुंडा में कलह? गुलशन गुट ने दर्ज कराई FIR, राजा भैया का क्या होगा अगला कदम?

प्रतापगढ़। कुंडा विधानसभा के चुनाव के दौरान जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष व कुंडा प्रत्याशी रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया व सपा प्रत्याशी गुलशन यादव कई बार बयानबाजी हुई। चुनाव की शुरुआत से ही दोनों प्रत्याशियों की ओर से एक के बाद एक बयान दिए गए। प्रचार के दौरान कई बार समर्थकों के बीच कहासुनी भी हुई। इससे चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्म रहा। मतदान का दिन आते-आते बात और बिगड़ गई। रविवार को दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों में विवाद हो गया। इस पर गुलशन यादव के समर्थक ने राजाभैया सहित उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। लेकिन अब तक राजाभैया की ओर से खुलकर कोई तहरीर नहीं आई है। ऐसे में उनकी जवाबी कार्रवाई क्या होगी इसे लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में कुंडा से सपा ने जैसे ही गुलशन यादव का टिकट फाइनल किया इलाके में तनाव बढ़ गया था। प्रचार के दौरान राजाभैया के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर गुलशन यादव पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की। मतदान के दिन 27 फरवरी को दोनों पक्षों में कई जगह भिड़ंत हुई। इसमें रैयापुर बूथ पर सपा के एजेंट रहे राकेश पासी ने रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया, सुभाष सिंह, गोपाल केसरवानी व 15 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। गुलशन यादव व उनके 35 समर्थकों के खिलाफ पहाड़पुर निवासी विजय प्रताप सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन विजय प्रताप जनसत्तादल की बजाय भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं। इसे देखते हुए लोगों में इस बात की चर्चा है कि आखिर राजाभैया की ओर से जवाबी कार्रवाई की क्या रणनीति बन रही है।
दरअसल अभी तक राजाभैया की ओर से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है। इसलिए लोग उनके अगले कदम का अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं। सिंगरी निवासी राकेश पटेल ने गुलशन यादव के समर्थकों पर पिस्टल सटाकर सादे कागज पर दस्तखत कराने जैसे कई आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है लेकिन वह भी जनसत्तादल का नहीं है।
एक तरफ से अपहरण व दूसरे तरफ से चोरी का आरोप: राजाभैया व गुलशन यादव के मामलों में जो दो एफआईआर दर्ज हुई है उसमें एक एफआईआर में अपहरण व एससीएसटी की धारा लगाई गई है तो दूसरे में सामान चुरा ले जाने की।
कुंडा रैयापुर बूथ पर सपा के एजेंट रहे राकेश पासी ने जो एफआईआर दर्ज कराई है उसमें आरोप लगाया है कि रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया, सुभाष सिंह, गोपाल केसरवानी अपने 15 अज्ञात समर्थकों के साथ पहुंचे और जाति सूचक गाली देते हुए उसे अगवा कर पिटाई की। जबकि दूसरी एफआईआर पहाड़पुर निवासी विजय प्रताप सिंह ने गुलशन यादव व 35 अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई है। जिसमें आरोप लगाया है कि भाजपा के दो बड़े नेताओं की फोटो को तोड़ दिया। फोटो को जूतों से रगड़ा और फ्रेम उठा ले गए।
राजाभैया के सिपहसालार रह चुके हैं गुलशन यादव
गुलशन यादव कभी राजाभैया के सिपहसालार होते थे। लेकिन राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं व मजबूरियों ने दोनों के बीच दरार पैदा की जो समय बीतने के साथ कम होने की बजाय और चौड़ी होती जा रही है। बसपा सरकार में जब राजाभैया पर पोटा लगाया गया था तो गुलशन यादव उनके साथ रहते थे। लेकिन 2016 में राजाभैया के एक समर्थक को गोली मारने के आरोप में गुलशन यादव जेल चले गए। यहीं से संबंधों में खटास आने लगी। गुलशन यादव की पत्नी नगर पंचायत चुनाव लड़ने लगीं तो चर्चा है कि उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया। गुलशन यादव की पत्नी नगर पंचायत चुनाव जीत गईं तो अलगाव की खाई और चौड़ी हो गई। जब तक राजाभैया सपा समर्थक रहे तब तक जाहिरा तौर पर गुलशन उनके समर्थक बने रहे। लेकिन साल 2018 में राजाभैया ने अपनी राजनैतिक पार्टी बना ली तो गुलशन यादव अपने को सपाई बताते हुए अलग हो गए। इस बार विधानसभा चुनाव में गुलशन यादव को सपा से कुंडा का प्रत्याशी बनाया गया तो तनाव इस कदर बढ़ गया कि पुलिस को गुलशन यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन व अभद्र टिप्पणी का केस दर्ज करना पड़ा।
कार्यकर्ताओं ने की निंदा
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) सहित कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे को फर्जी बताते हुए कार्यकर्ताओं ने अफसरों से इसे वापस लेने की मांग की है। सोमवार को प्रताप सदन पर पार्टी के जिलाध्यक्ष रामअचल वर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें मुकदमा दर्ज करने की निंदा करते हुए इसे फर्जी बताया गया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि मामले की जांच कराकर मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ा जाएगा। मुक्कू ओझा ने कहा कि फर्जी मुकदमे को लेकर राजाभैया के समर्थकों में आक्रोश है। प्रशासन जल्द से जल्द इसे वापस ले। बैठक में वंदना उपाध्याय, विवेक तिवारी, प्रवीण चतुर्वेदी, अंजनी सिंह, प्रशांत सिंह, अजीत कुमार, अतुल सिंह, खुर्शीद अली, मोहित तिवारी आदि शामिल रहे।

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