न PUC मिला न फिटनेस सर्टिफिकेट, CM शिंदे, फडणवीस और मुंबई पुलिस कमिश्नर की गाड़ियों तक के कटे चालान

मुंबई
मुंबई की ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए पिछले पांच वर्षों में मोटर चालकों से ₹205 करोड़ वसूले हैं। इसमें कई हाई प्रोफाइल लोगों के चालान भी शामिल हैं। एचटी की रिपोर्ट कहती है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई के पुलिस कमिश्नर तक के वाहन डिफॉल्टरों की सूची में शामिल हैं। उनके पास न पीयूसी सर्टिफिकेट मिला और न ही फिटनेस प्रमाण पत्र।  एचटी ने 23 अक्टूबर से 29 नवंबर के बीच उन 70 सरकारी वाहनों की डिटेल निकाली है, जिनके यातायात पुलिस ने चालान किए हैं। इसमें मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के आला-अधिकारियों तक द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन शामिल हैं। इनमें कई गाड़ियों के चालान ओवर स्पीडिंग में कटे तो किसी के प्रदूषण नियंत्रण औ फिटनेस सर्टिफिकेट न होने पर चालान किए गए।

क्या कहते हैं नियम
ट्रैफिक पुलिस नियमित जांच के दौरान वाहन चालकों से पीयूसी और फिटनेस दस्तावेज मांगती है। वैध पीयूसी नहीं होने पर पहली बार अपराध करने वालों के लिए जुर्माना ₹500 और बार-बार उल्लंघन करने वालों के लिए ₹1500 तक है। वैध फिटनेस प्रमाणपत्र न होने पर पहली बार और बार-बार उल्लंघन करने वालों के लिए क्रमशः ₹2,000 और ₹5,000 तक जुर्माने का प्रावधान है। यह ड्राइवरों के साथ-साथ गाड़ी के मालिकों पर भी लागू है।

शिंदे-फडणवीस की गाड़ियों में PUC नहीं मिला
परिवहन डेटा की जांच से पता चला है कि 70 वाहनों में से केवल आठ के पास पीयूसी और फिटनेस प्रमाणपत्र 2024 तक वैध थे। 30 वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र समाप्त हो चुके थे, जिनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन भी शामिल थे। तीनों वाहनों के ई-चालान 29 नवंबर को सह्याद्रि गेस्ट हाउस के बाहर किए गए। जबकि, मुंबई पुलिस अधिकारियों के नाम पर नौ मोबाइल वैन के पास फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं था। रिकॉर्ड से पता चला कि इनमें से किसी भी हाई-प्रोफाइल को एक बार भी दंडित नहीं किया गया। ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने एचटी को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें पीयूसी सर्टिफिकेट न होने पर हर दिन कम से कम 15 वाहनों पर जुर्माना लगाने का लक्ष्य दिया गया था।

क्या कहते हैं अधिकारी
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एम रामकुमार का कहना है कि क्षेत्र के अधिकारियों को नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी वाहन स्वामियों को दंडित करने के लिए कहा गया है। चाहे वे सरकारी या निजी। रामकुमार ने कहा, "अगर आपके पास उन वाहनों की सूची है जिनके पास फिटनेस प्रमाणपत्र और पीयूसी नहीं है, तो कृपया इसे हमें भेजें ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।" उधर, परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार और संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) प्रवीण पडवाल ने दावा किया कि कभी-कभी, एमपरिवहन पोर्टल पर डेटा अपडेट नहीं किया जाता है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग यह जांचने के लिए जिम्मेदार है कि वाहनों के पास वैध पीयूसी और फिटनेस प्रमाणपत्र हैं या नहीं।