गीता देवी प्रबंधन को हाईकोर्ट से मिला स्थगन, अस्पताल खुला

कोरबा। कोसाबाड़ी में संचालित गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद प्रशासन ने खोल दिया है। पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की मौत के बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया था।
12 फरवरी को सतरेंगा निवासी सुनी बाई पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की हाथ फैक्चर होने की वजह से आपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था। उसके पति सुखसिंह का आरोप था कि तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद भी उसका इलाज नहीं किया गया और उसकी मौत हो गई। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरते की धारा 304 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल शिफ्ट कर अस्पताल को सील कर दिया गया था। कलेक्टर ने पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला की मृत्यु एवं लापरवाही जैसे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। तीन दिनों में जांच की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था। गीता देवी मेमोरियल अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी, उन्होंने जांच प्रक्रिया में पूर्णत: सहयोग करने की बात भी कही, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से बंद पड़े गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को खोलने के लिए कोई राहत मिलती नजर नहीं आई। इसके बाद गीता देवी अस्पताल प्रबंधन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर हास्पिटल सील किए जाने के प्रशासनिक आदेश के विरुद्ध याचिका दायर किया था, जहां प्रशासनिक आदेश के विरुद्ध स्थगन मिल गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व की तरह संचालन के लिए अस्पताल का सील खोल दिया है।

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