तेलअवीव
हमास के रॉकेट हमलों से जूझ रहे इजरायल पर अब यमन के हूती विद्रोहियों ने मिसाइल और ड्रोन से जोरदार हमला किया है। इजरायल ने अपने सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम एरो से हूती विद्रोहियों के इस हमले को बेकार कर दिया है। यमन के हूती विद्रोहियों को ईरान का खुलकर समर्थन हासिल है। इजरायल और अमेरिका का मानना है कि ईरान इन हूती विद्रोहियों का इस्तेमाल कर रहा है। दुनिया में इजरायल के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम की जमकर चर्चा होती है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि असली गेमचेंजर एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। यह ठीक उसी तरह से इजरायल की मिसाइलों से रक्षा करता है जैसे भारत में रूस का एस-400 सिस्टम करने लगा है।
इजरायली सेना ने बताया कि एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने पहली बार एक मिसाइल को हवा में ही मार गिराया है। इस मिसाइल को ईरान के दोस्त हूती विद्रोहियों ने दागा था। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री के सीईओ और अध्यक्ष बोआज लेवी ने कहा, ‘इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा इजरायली और अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठानों के साथ मिलकर विकसित की गई एरो प्रणाली ने आज प्रदर्शित किया कि इजरायल के पास विभिन्न दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ रक्षा के लिए सबसे उन्नत तकनीक है। इजरायल ने इस सिस्टम को ईरान की मिसाइलों को ध्यान में रखकर बनाया है।
एरो: इजरायली रक्षा कवच का सर्वोच्च हथियार
ऐसा पहली बार नहीं है जब एरो ने कुछ मार गिराया हो। साल 2017 में, एरो सिस्टम ने सतह से हवा में मार करने वाली सीरियाई मिसाइल को मार गिराया, जो इजरायली विमान से चूक गई और इजरायली हवाई क्षेत्र में चली गई थी। ‘एरो सिस्टम के जनक’ उजी रुबिन और यरूशलम इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी एंड स्ट्रैटेजी के एक साथी ने बताया कि यमन से बैलिस्टिक मिसाइल एक अधिक कठिन लक्ष्य था। एरो ने पूरी गुणवत्ता के साथ अपना काम करके दिखाया। इससे साबित हो गया कि एरो सिस्टम से बलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिराया जा सकता है।
इजरायल के आयरन डोम को पिछले लगभग एक दशक से अधिकांश मीडिया कवरेज मिला है क्योंकि यह कम गुणवत्ता वाले कम दूरी के रॉकेटों की एक बड़ी मात्रा को मार गिराने का मुख्य हथियार है, जो हमास के पास है, और जिसे हिजबुल्लाह ने कभी-कभी इस्तेमाल किया है। लेकिन एरो इजरायल की मिसाइल ढाल का शीर्ष स्तर है। रुबिन के अनुसार, अच्छी बात यह है कि इजरायल अब ईरान और बाकी क्षेत्र को यह दिखा सकता है कि उसके पास बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ पूरी तरह से चालू मिसाइल रक्षा प्रणाली है।
ईरान के लिए संदेश है एरो सिस्टम
साल 2022 में, तत्कालीन अमेरिकी मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा था कि ईरान के पास 3,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, इसमें क्रूज मिसाइलों की बढ़ती संख्या की गिनती नहीं की जा रही है। इनमें से केवल एक हिस्सा ही इजरायल तक पहुंच सकता है, लेकिन मुद्दा यह है कि 1990 के दशक से, इस्लामिक गणराज्य के पास ऐसे हथियार हैं जो इजरायल तक पहुंच सकते हैं। इजरायल को उम्मीद थी कि उसकी एरो मिसाइल ढाल कायम रहेगी, लेकिन इसका कभी भी पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया था। जर्मनी ने पिछले महीने ही एरो सिस्टम खरीदा था।
विश्लेषकों के मुताबिक इस दृष्टिकोण से, एरो की सफलता ईरान के लिए एक नया संदेश है कि न तो वह और न ही उसके प्रतिनिधि आसानी से इजरायल को नुकसान पहुंचा सकते हैं, यहां तक कि अपने सबसे घातक लंबी दूरी के हथियारों के साथ भी। रुबिन ने कहा कि हमास कई बार आयरन डोम को बड़े पैमाने पर रॉकेट दागकर उसे फेल करने में कामयाब रहा है। ईरान और उसके प्रतिनिधि, यदि वे आगे बढ़ने का फैसला करते हैं, तो एरो मिसाइल शील्ड के खिलाफ भी ऐसा ही कर सकते हैं।