चेम्बर प्रतिनिधि मंडल ने नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री को यूजर चार्ज के संबंध में ज्ञापन सौंपा

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 15 फरवरी 2022 को शिव कुमार डहरिया से मिलकर नगर निगम द्वारा प्रस्तावित यूजर चार्ज के युक्तियुक्त करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया के साथ चेंबर की बहुत सकारात्मक चर्चा हुई और मंत्री जी ने बताया कि ये यूजर चार्ज केंद्र सरकार के निर्देश पर लिया जा रहा है और पिछली सरकार ने इसकी दरों का राजपत्र में प्रकाशन किया था ,इसके अनुसार ही यूजर चार्ज लिया जा रहा है , मंत्री जी ने वर्तमान यूजर चार्ज का परीक्षण कराने और परीक्षण के बाद यथासम्भव इसका युक्तियुक्तकरण किया जाएगा इसका चेंबर के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है।
पारवानी ने पत्र के माध्यम से बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश की विभिन्न नगर पालिक निगम एवं रायपुर नगर पालिक निगम द्वारा नगर के विभिन्न वार्डों में पृथककृत अपशिष्ट के संग्रहण शुल्क (यूजर चार्ज) को संपत्तिकर के साथ जोड़ कर लिये जा रहे हैं। वर्तमान में लिया जा रहा यह शुल्क वाणिज्यिक क्षेत्र (कमर्शियल क्षेत्र) के संस्थानों/व्यापारियों के लिये अत्यधिक बोझ है। पूर्व में जहां एक व्यापारी समेकित कर के रूप में 600/ रू. वार्षिक शुल्क देता था जिसमें 200 / सफाई शुल्क था उसे अब बढ़ाकर कई गुना की वृद्धि के साथ लगभग 7800.00रू तक चुकाने पड़ रहे हैं।
वर्तमान में वित्त वर्ष 2021-22 समाप्ति की ओर है तथा सभी व्यापारी विगत दो वर्षों से कोरोना की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर भी हुए हैं। विगत वित्त वर्ष के 4 महीनों से अधिक समय व्यापार पूर्ण रूप से बंद रहा परंतु व्यापारी समाज द्वारा बैंकों के ब्याज, जीएसटी, आयकर, लायसेंस शुल्क, संपत्तिकर इत्यादि पर भी किसी प्रकार की सहायता हेतु शासन से गुहार नहीं लगाई है अपितु अपने यहां कार्यरत स्टाफ को पूरा वेतन और दुकान के किराये का भी पूरा भुगतान किया है और कोरोनाकाल में यथासंभव आम जनता की मदद कर अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन किया है। ऑनलाइन कंपनियों के व्यापार ने स्थानीय व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। इन सभी परिस्थितियों के कारण व्यवसायी वर्ग बहुत ज्यादा आर्थिक दबाव का सामना कर रहा है। कई व्यापारी अपने दैनिक खर्चों के लिये भी कर्ज लेने हेतु विवश हैं। नगर निगम द्वारा पहले ही संपत्ति कर के साथ समेकित कर, जल शुल्क, अतिरिक्त जल कर एवं शिक्षा उपकर लिया जा रहा है उस पर इतना भारी-भरकम यूजर चार्ज का बोझ उठाने की परिस्थिति में नहीं है।
पारवानी ने आगे बताया कि इसके अलावा ट्रक/एल सी वी द्वारा सब्जी/फल/फूल का लोडिंग/अनलोडिंग पर भी 80 रू. प्रति एल सी वी मासिक शुल्क लगाया गया है, जो कि अव्यवहारिक है। चूंकि कौन सी ट्रक या एल सी वी माल लेकर आयेगी यह निश्चित नहीं है अत: इसकी गणना कैसे हो सकेगी। इस शुल्क के लगाये जाने से अनावश्यक पेचीदगी बढ़ेगी।
पूर्व में सफाई शुल्क, समेकित शुल्क में ही समायोजित कर लिया जाता था, जिस पर महालेखाकार कार्यालय ने आपत्ति लेते हुए यूजर चार्ज को पृथक रूप से दर्शाते हुए टैक्स लेने हेतु निर्देशित किया है।
पारवानी ने निवेदन किया कि पूर्व में जो सफाई शुल्क समेकित शुल्क में समायोजित कर लिया जा रहा था उसमें 5 से 25: तक की वृद्धि कर अलग से यूजर चार्ज के रूप में दर्शाते हुए लिया जा सकता है। ऐसा करने से व्यापारी एवं आम जनता दोनों ही अनावश्यक बोझ से बचेंगे एवं शासन के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
चेम्बर प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, मनमोहन अग्रवाल, सलाहकार अमर गिदवानी, उपाध्यक्ष विजय शर्मा, मंत्री-शंकर बजाज, जय नानवानी, विक्रम व्यास आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

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