नगरपालिक निगम में तीन लाख, तो नगर पंचायतों में 50 हजार रूपए तक खर्च कर पाएंगे अभ्यर्थी

नगरीय निकाय निर्वाचन-2019 के तहत आरओ-एआरओ की बैठक लेकर दी जानकारी
धमतरी । नगरीय निकाय निर्वाचन-2019 के तहत आज दोपहर रिटर्निंग अधिकारी तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की बैठक लेकर यह जानकारी दी गई, कि नगरपालिक निगम क्षेत्र में पार्षद पद हेतु निर्वाचन के लिए नगरपालिक निगम क्षेत्रांतर्गत आने वाले अभ्यर्थी अधिक तीन लाख रूपए की राशि व्यय कर सकते हैं तथा नगर पंचायतों के अभ्यर्थियों को 50 हजार रूपए तक खर्च करने की अनुमति राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई है।
बैठक में मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता के प्रभावशील होने के उपरांत निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक शासकीय सेवकों को निर्वाचन अवधि में पूरी तरह निष्पक्ष रहना चाहिए। चुनाव के दौरान किसी मंत्री, सांसद, विधायक या स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि किसी कार्यक्रम में आमंत्रित करें, तो विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करना चाहिए। किसी सार्वजनिक स्थल पर चुनावी सभा के आयोजन हेतु अनुमति प्रदान करते समय उम्मीदवारों या राजनैतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यदि विभिन्न राजनैतिक दलों के द्वारा एक ही जगह पर एक ही दिन और एक ही समय में सभा करना चाहते हों तो उस उम्मीदवार या दल को अनुमति दी जानी चाहिए, जिसने सबसे पहले आवेदन पत्र दिया हो। इसी तरह विश्राम गृहों या अन्य स्थानों में शासकीय आवास सुविधा का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
बैठक में यह भी बताया गया कि इस अवधि के दौरान निर्वाचन क्षेत्रांतर्गत मंत्री, सांसद अथवा विधानसभा के सदस्यों के द्वारा स्वेच्छानुदान, जनसम्पर्क या क्षेत्र विकास राशि का अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए, न ही किसी सहायता या अनुदान का आश्वासन दिया जाना चाहिए। उक्त अवधि में किसी योजना, नवीन नागरिक सुविधाओं या सेवाओं का भले ही उनका उनका निर्माण राज्य सरकार या संबंधित नगरपालिका द्वारा न किया गया हो, या प्रस्तावित हो, शिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिए। निर्वाचन अवधि में समाचार-पत्रों तथा प्रचार के अन्य माध्यमों से, सरकारी खर्च पर ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाने चाहिए, जिससे सत्ताधारी दल की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिनसे सत्ताधारी दल को अपने दलीय हितों को आगे बढ़ाने में सहायता मिले।
इसी प्रकार नगरपालिका के अधीन कोई नियुक्ति या स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए, किसी भी नए भवन का निर्माण या मौजूदा भवन में संवर्धन या परिवर्तन की अनुज्ञा या नए नलों के कनेक्शन की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए। नगरीय निकाय क्षेत्र में किसी प्रकार के व्यवसाय या वृत्ति के लिए अनुज्ञप्ति नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा किसी संगठन, संस्था अथवा किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कोई सहायता या अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए। महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों के द्वारा स्वेच्छानुदान राशि में से भी किसी कार्य या गतिविधि के लिए कोई सहायता राशि स्वीकृत नहीं की जानी चाहिए। साथ ही नगरपालिकाओं के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने वाले परिवारमूलक/व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के अंतर्गत नए हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा बैठक में सभी रिटर्निंग अधिकारियों व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्वाचन संबंधी गतिविधियों पर निगाह रखने तथा सौंपे गए कर्तव्यों के निर्वहन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल, नगर निगम के आयुक्त आशीष टिकरिहा सहित रिटर्निंग एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी मौजूद थे।

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