इस बार यमुना में झाग के बीच नहीं होगी छठ पूजा, जानें क्या है तैयारी

नईदिल्ली

डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी) ने बताया कि यूपी के इरिगेशन एंड वॉटर रिसोर्स डिपार्टमेंट को समय समय पर लिखा गया है कि वह अपनी तरफ से कुछ तैयारियां करें। डीपीसीसी ने ओखला बैराज के पॉन्ड एरिया से जलकुंभी निकालने को कहा है। इसके अलावा ओखला बैराज पर इस तरह की व्यवस्था की जाए कि पानी ऊंचाई से गिरने की बजाय स्लोप पर बहते हुए नदी में मिले। इससे पानी में हलचल नहीं होगी और झाग नहीं बनेगा।

ओखला बैराज के गेट्स इस तरह खोले जाएं कि पानी झरने की तरह तेजी से बहता हुआ नीचे न आए। इसके लिए हाइड्रोलिक एक्सपर्ट की भी मदद ली जा सकती है। इतना ही नहीं आगरा कैनाल को साफ करने के शेड्यूल में बदलाव किया जाए। यह कैनाल यूपी का इरिगेशन डिपार्टमेंट मेंटेन करता है। ऐसा करने से ओखला बैराज के आसपास छठ पूजा के दौरान झाग बनने की आशंका कम होगी। साथ ही ओखला बैराज पर गेट खोलने और गेट बंद करने के लिए दिल्ली के इरिगेशन एंड फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट व दिल्ली जल बोर्ड से भी कंसल्ट किया जाए।

एसटीपी को अपग्रेड करने की ज़रूरत

हरियाणा और यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को उनके एसटीपी अपग्रेड करने को कहा गया है। इससे यमुना में गंदगी आना कम होगी। 2022 में छठ पूजा के दौरान यमुना में झाग न हो, इसके लिए एक जॉइंट कमिटी बनी थी। कमिटी में एनएमसीजी (नैशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा), अपर यमुना रिवर बोर्ड, यूपी सिंचाई विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारी शामिल हैं।

इसके अलावा डीजेबी ने छठ पूजा के दौरान 2022 में ओखला बैराज डाउनस्ट्रीम में 2 से तीन दिनों तक एंटी सरफेक्टेंट का छिड़काव किया था। इससे झाग की समस्या काफी हद तक कम हो गई थी। इसके अलावा दिल्ली में 14 जून 2021 से ही सब स्टैंडर्ड साबुन और डिटर्जेंट बेचने, स्टोर करने, ट्रांसपोर्ट करने और मार्केटिंग करने पर बैन है। वहीं, साबुन और डिटर्जेंट बिक सकते हैं, जो बीआईएस स्टैंडर्ड के पैमानों पर खरे उतरे।

झाग की क्या है वजह

– यमुना में काफी मात्रा में फास्फेट और डिटर्जेंट पहुंच गया है। यह घरों और इंडस्ट्री में इस्तेमाल हो रहा है और नालों के जरिए यमुना में पहुंच रहा है

– यमुना में अमोनिकल नाइट्रोजन होने की वजह से भी झाग बनता है। यह सीवेज और फर्टिलाइजर की वजह से यमुना में पहुंच रहा है।

कहां बन रहा है झाग

ओखला बैराज में जब गेट खोले जाते हैं, तो पानी झरने की तरह तेज बहाव के साथ नीचे आता है। इसकी वजह से पानी में हलचल होती है और झाग बनता है

क्या है समाधान?

 

  • – दिल्ली, हरियाणा और यूपी में सीवेज का पूरा ट्रीटमेंट हो
  • – फास्फेट, डिटर्जेंट, अमोनिकल नाइट्रोजन को यमुना में जाने से रोका जाए
  • – छठ पूजा से पहले ही आगरा कनाल को साफ किया जाए। इसके शेड्यूल को रिवाइज किया जाए
  • – छठ पूजा के दौरान ओखला बैराज को गेट खोलने और फ्लो को रेगुलेट किया जाए