तेलअवीव
पड़ोसी खुशहाल होना चाहिए, अगर पड़ोसी गलत है तो फिर हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है. कुछ ऐसा मामला इजरायल के साथ हो रहा है. वैसे तो आबादी और क्षेत्रफल में ये देश बहुत छोटा है. लेकिन सैन्य तौर पर काफी ताकतवर है. जिस वजह से वो हर हमले को मुंहतोड़ जवाब देता है. इस बार भी हमास पर अब कहर बनकर टूटा है.
दरअसल, मौजूदा समय इजरायल की आबादी करीब 98 लाख है, आबादी में इजरायल उत्तराखंड (Uttrakhand) से भी कम है. उत्तराखंड की आबादी करीब 1.14 करोड़ है. अगर क्षेत्रफल की बात करें तो इजरायल का क्षेत्रफल 22,145 वर्ग किलोमीटर मीटर है, जबकि इससे ज्यादा भारत में मणिपुर का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग मीटर है. इतना छोटा देश होने के बावजूद इजरायल की तरफ कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता. इसकी वजह ये है कि इजरायल की सेना और उसकी हाईटेक टेक्नोलॉजी.
आज इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसियों में से एक है. जो किसी भी ऑपरेशन को कहीं भी अंजाम दे सकती है. इसी का नतीजा है कि अब हमास पर इजरायल की सेना ताबड़तोड़ हमले कर रही है.
इजरायल की ताकत पुरानी है...
बता दें, इजरायल हर तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ है, लेकिन उससे अब तक जो भी भिड़ा है, उसे शिकस्त मिली है. साल 1948 में इजरायल के बनने के साथ ही इसके करीब 8 पड़ोसी देशों ने मिलकर हमला कर दिया, लेकिन इजरायल की सेना अकेले सबको खदेड़ दिया था. कहा जाता है कि एक साथ मिलकर आठ देशों की सेना भी इजरायल के सामने टिक नहीं पाई.
दरअसल, इजरायल एक यहूदी देश है और इसके तमाम पड़ोसी देश मुस्लिम हैं. अधिकतर पड़ोसी देशों से इजरायल की दुश्मनी है, जो कभी भी उसपर हमले के लिए तैयार रहते हैं. इजरायल करीब 13 मुस्लिम देशों से घिरा हुआ है. जिनमें मिस्र, इराक, अल्जीरिया, कुवैत, सीरिया, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, मोरक्को, सऊदी अरब, फिलिस्तीन, सूडान और ट्यूनीशिया जैसे देश शामिल हैं.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनातनी काफी पुरानी है. करीब 23 लाख फिलस्तीन नागरिकों की रिहाइश का ठिकाना बनी गाजा पट्टी पर हमास ने साल 2007 में कब्जा कर लिया था. इसके एक साल पहले उसने यहां के संसदीय चुनावों में जीत हासिल की थी.
2021 में भी बढ़ा था तनाव
साल 2021 में इजराइल और हमास के बीच तनाव बढ़ गया था. जिसके बाद मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हालात को सामान्य किया गया था. दोनों में इस बात पर सहमति बनी कि गाजा में रह रहे लोगों को इजराइल में काम करने की इजाजत मिलेगी, बदले में हमास को सीमा पर शांति कायम रखनी होगी.
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी की नाजी सेना ने करीब 60 लाख यहूदियों का नरसंहार कर दिया था. इसके विरोध में इजरायल हर साल 24 अप्रैल को ‘होलोकॉस्ट डे’ (नरसंहार दिवस) मनाता है. बता दें, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही यहूदियों के लिए नए देश इजरायल का गठन हुआ था. जिसके बाद इजरायल कई मुस्लिम देशों के निशाने पर आ गया था. आत्मरक्षा के लिए इजरायल ने अपनी पूरी ताकत खुद को मजबूत करने में झोंक दी थी.
6 दिन में ही इजरायल ने कर दिया खेल खत्म
साल 1967 में 8 देशों से सिर्फ 6 दिन में ही इजरायल ने जंग जीत ली थी. रिपोर्ट बताती है कि 27 मई, 1967 को इजिप्ट के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल नासिर ने घोषणा की थी कि अब अरब के लोग इजरायल को खत्म करने का प्लान बनाया है. मई के अंत में इजिप्ट और जॉर्डन के बीच एक समझौता हुआ था कि अगर इजरायल हम दोनों में से किसी एक पर हमला करता, तो दूसरा उसका साथ देगा. जून में इजरायल-इजिप्ट सीमा पर युद्ध शुरू हो गया था और जल्द ही ये कई और अरब मुल्कों तक फैल गया.
इजरायल और इजिप्ट के बीच लड़े गए इस युद्ध में इजरायल के खिलाफ और इजिप्ट के समर्थन में जॉर्डन, इजिप्ट, इराक, कुवैत, सीरिया, सऊदी अरब, सूडान और अल्जीरिया उतर गए. इस युद्ध को ‘जून वॉर’ के नाम से भी जाना जाता है. इन मुस्लिम देशों ने इजरायल पर हमला करने के लिए जॉर्डन में अपना आर्मी बेस बनाया था. हमले का पूरा प्लान तैयार था. लेकिन उससे पहले ही इजरायली एयरफोर्स ने 5 जून को इजिप्ट के करीब 400 फाइटर जेट्स पर हमले कर उसे उड़ा दिए. इससे दुश्मन देश घबरा गए थे और जंग सिर्फ 6 दिन में ही खत्म हो गई थी. जिसमें एक तरह से करीब 8 देशों को इजरायल से शिकस्त मिली थी. यह जंग 1967 में 5 से 10 जून के बीच हुई थी.
इजरायल प्लान बनाने में माहिर
इजरायल का मानना था कि अगर उसे जीतना है तो पहले ही हमला करना होगा. इसी मकसद से इजरायल ने जॉर्डन के आर्मी बेस पर मौजूद लड़ाकू विमानों पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए थे. यही नहीं, जमीनी लड़ाई में भी इजरायली फौजों ने जॉर्डन को शिकस्त दी, बल्कि गाजा पट्टी भी अपने कब्जे में कर ली थी.
8 देशों को अकेले इजरायल ने दिया झटका
इस युद्ध में इजरायल के करीब एक हजार सैनिक मारे गए थे, जबकि साढ़े चार हजार घायल हुए थे. जबकि अरब देशों में मौत की संख्या और ज्यादा थी. इस युद्ध में अकेले इजिप्ट के ही करीब 15 हजार सैनिक मारे गए थे, जबकि साढ़े चार हजार के करीब सैनिकों को बंधक बना लिया गया था. इसके अलावा जॉर्डन के 6 हजार और सीरिया के करीब एक हजार सैनिक मारे गए थे. उसके बाद कई बार इजरायल पर हमले हुए, लेकिन हर बार इजरायल ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया.
Israel ने हमास को तगड़ा झटका दिया है. सोशल मीडिया पर हमास के आर्थिक ठिकाने के तौर पर पहचाना जाने वाला इस्लामिक नेशनल बैंक ध्वस्त हुआ नजर आ रहा है. Hamas द्वारा संचालित बैंक के जरिए संगठन के तमाम ऑपरेशंस में मदद को मैनेज किया जाता था. इस बैंक की स्थापना हमास द्वारा 1997 में 20 मिलियन डॉलर की रकम के साथ फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संगठन की वित्तीय शाखा के रूप में करने के लिए की गई थी.