अगरतला। त्रिपुरा की भाजपा सरकार के लिए तब अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब पार्टी के बागी विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने शनिवार को दावा किया कि राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं है और लोगों का दम घुट रहा है। साल 2019 में स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटाये गए बर्मन ने कहा कि वह लोगों की राय लेने के बाद अपने भविष्य के कदम पर फैसला करेंगे। राज्य में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। बर्मन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं है। लोगों का दम घुट रहा है।”
उन्होंने कहा कि वह, उनके करीबी सहयोगी आशीष साहा और उनके अनुयायी पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं और उन लोगों से संवाद कर रहे हैं जिन्होंने “माकपा को सत्ता से हटाने और भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।” बर्मन ने कहा, ”हमने उत्पीड़ित लोगों की आवाज सुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनकी आवाज अब दबा दी गई है।” बर्मन ने दावा किया कि लोग सरकार के प्रदर्शन से तंग आ चुके हैं, क्योंकि उनके हितों की पूर्ति नहीं हुई है।
भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय लोगों के साथ बातचीत पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा। भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बर्मन के कदम पर करीब से नजर रखे हुए है और समय आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।