Lockdown की अफवाह से बाजार में किराना के कई सामानों की शार्टेज

रायपुर। एक हफ्ते के भीतर सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त फर्क देखने को मिला है। राजधानी में थोक और चिल्हर दोनों बाजारों में सब्जियों की कीमतें जमीन पर आ चुकी है। उदाहरण के तौर पर टमाटर की कीमतें थोक में 15 से 20 रुपए से घटकर 5 से 6 रुपए और पालक भाजी थोक में 40 रुपए से घटकर 8-10 रुपए पर बिक रहा है। ऐसा ही हाल अन्य सब्जियों में भी है। इधर बाजार में लॉकडाउन की अफवाह की वजह से किराना के कुछ सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस पर खाद्य विभाग ने जमाखोरी पर कड़ी कार्रवाई की बात कहीं है। डूमरतराई के थोक सब्जी कारोबारियों के मुताबिक दूसरे राज्य जैसे आंध्रप्रदेश और ओडि़शा में लोकल फसल की पैदावार शुरू होने की वजह से बाहरी राज्यों के खरीददार अब 90 फीसदी से ज्यादा कम हो चुके हैं, लिहाजा स्थानीय बाडिय़ों की सब्जियां सीधे मंडी में आ रही है। इससे पहले अन्य राज्यों में सब्जियों के निर्यात की वजह से स्थानीय बाजारों में किल्लत शुरू हो गई थी, लिहाजा लोकल मार्केट में कीमतों में महंगाई का सामना करना पड़ रहा था।
सब्जियों में मार्च तक मिल सकती है राहत
कारोबारियों के मुताबिक मार्च तक सब्जियों की कीमतों से राहत मिल सकती है। इसलिए अभी अन्य राज्यों से सब्जियों की आवक बंद कर दी गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि स्थानीय फसल की आवक मार्च के आखिरी हफ्ते तक होगी। तब तक आम लोगों को कीमतों में राहत मिलेगी। साथ ही दूसरे राज्यों से सब्जियों का आयात अप्रैल महीने से पटरी पर लौटेगा।
जमाखोरी होगी तो कार्रवाई तय
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक आर्थिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होगी, लिहाजा लॉकडाउन का सवाल ही नहीं है। आवश्यक वस्तुओं में यदि जमाखोरी की शिकायत मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने थोक और चिल्हर व्यापारियों से भी अपील की है कि वे अफवाह पर ध्यान ना दें, बल्कि सामान्य तरीके से व्यापार करें। जमाखोरी पर विभाग में शिकायत करें।

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