व्याख्याता ने कोरोना पाजिटिव की फर्जी रिपोर्ट पेशकर ली छुट्टी, मामला गरमाया

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे शासकीय हाईस्कूल उरला में एक व्याख्याता द्वारा कोरोना पाजिटिव की फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत कर छुट्टी लिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि डीईओ दफ्तर से भी एक जांच टीम स्कूल पहुंची थी पर वह भी सिर्फ खानापूरी कर लौट आई हैं। आरटीआई से पता चला हैं की व्याख्याता की कोरोना जांच रिपोर्ट संदिग्ध हैं। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों का संरक्षण फर्जीवाड़ा को और बढ़ावा दे रही हैं।
बताया जा रहा है कि 30 मार्च को स्कूल के व्याख्याता जयचंद सोनवानी ने वाट्सएप ग्रुप में कोरोना संक्रमित होने की जानकारी लिखित आवेदन के साथ भेजी थी। उनके द्वारा इसमें कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के लिए एक निजी अस्पताल का प्रिस्क्रिप्शन और जिला चिकित्सालय पंडरी रायपुर के द्वारा कथित रूप से जारी हेमेटोलाजी रिपोर्ट भी था। स्कूल प्रबंधन के तरफ से यह दस्तावेज़ उच्च कार्यालय को प्रेषित कर मार्गदर्शन भी मांगा गया। इसके बाद स्कूल दो कार्य दिवस के लिए एहतियातन बंद किया गया था। इस बीच पूरे स्कूल को बिरगांव नगर निगम से टीम बुलाकर सैनिटाइज भी कराया गया। व्याख्याता ने अपने आपको होम क्वारंटाइन पर रहकर इलाज कराने के लिए प्रारम्भिक आवेदन में 14 दिवस का अवकाश मांगा था।
दूसरी लहर में उरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वैक्सीनेशन सेंटर में इसी व्याख्याता की ड्यूटी लगी। जहां फिर से आवेदन देकर अपने को कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देकर उससे अपना नाम पृथक कराया था। इसके बाद 14 दिन के कथित क्वारंटाइन निजी अस्पताल से फिर चार दिनों का अलग से मेडिकल के बाद स्कूल में आया। सवाल उठा की जब कोरोना में होम क्वारंटाइन में रहने पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन और क्वारंटाइन का पूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध होता हैं। कोरोना जांच की भी पूरी प्रक्रिया आनलाइन और बिना आधार कार्ड या मोबाइल नंबर के संभव ही नहीं हैं। ऐसे में जिला चिकित्सालय से हीमेटोलॉजी की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना कई संदेहों को जन्म देता हैं। व्याख्याता की यह जानकारी आरटीआई से मिली है।
आरटीआई की जानकारी क्या कहती है
जिला चिकित्सालय से 30 मार्च 2021 को हुए कोरोना जांच की लिस्ट आरटीआई में निकलवाई गई हैं। वह बेहद चौकाने वाली हैं। जानकारी के मुताबिक़ उक्त दिवस कुल 54 लोगों की जांच हॉस्पिटल में की गई हैं। जिनमें से 21 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। वहीँ हीमेटोलाजी में 4 जांच किए गए हैं जिनमें सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। अन्य तरह के कोई जांच उक्त दिवस को नहीं किये गए हैं। अब सवाल उठता हैं कि .. क्या उन 21 संक्रमितों में व्याख्याता जयचंद सोनवानी का नाम हैं ? तो इसका जवाब हैं नहीं , अर्थात उक्त दिवस इस नाम का कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव ही नहीं पाया गया हैं। तब जिला चिकित्सालय की यह जांच रिपोर्ट उसने कहाँ से और कैसे प्राप्त की? स्कूल गई जांच टीम ने जांच में क्या पाया, अब तक उस व्याख्याता के फर्ज़ीवाड़े पर लीपापोती कौन कर रहा हैं ?
फर्जीवाड़ा क्यों?
सूत्र बताते हैं की इस फर्ज़ीवाड़े को स्कूल में दो दिन पूर्व किये गए एक और फर्ज़ीवाड़े को छिपाने के लिए किया गया हैं। जिसमें कुछ शिक्षकों ने बगैर आये ही अपने हस्ताक्षर उपस्थिति पत्रक में पहले से ही कर दिए थे। जो उस दिवस को न आने का मन पहले ही बना चुके थे। दुर्भाग्यवश इसी दिन एक व्याख्याता की माता जी का देहांत हो गया तो उसने भी एक अन्य व्याख्याता के माध्यम से अवकाश के लिए आवेदन भेजा। वहीँ इस व्याख्याता का निवास दूर होने की वजह से कार्यवाई के डर से इसने कोरोना संक्रमण का बहाना बनाकर अवकाश ले लिया। बताया जा रहा हैं की जांच टीम के सामने यह बात भी आई हैं। इसके बाद भी मामले को दबा कर रखा जाना समझ से परे हैं।

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