‘‘जीत तभी होती है, जब ठान ली जाती है‘‘

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक प्रतियोगिता शुरू
प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय
रायपुर।
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने आज राजधानी के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस प्रतियोगिता में 1300 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस क्रीड़ा प्रतियोगिता में 16 प्रकार की खेल विधाएं होंगी। प्रतियोगिता 14 वर्ष और 19 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में बालक और बालिकाओं के लिए आयोजित की गई है। विकास उपाध्याय ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के बाद ध्वजारोहण किया। उन्होंने प्रतियोगिता के शुभारंभ की विधिवत घोषणा की। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने आकर्षक मार्च पास्ट किया। शभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर एजाज ढेबर ने की। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी, वार्ड पार्षद प्रकाश जगत सहित शिक्षक, प्रशिक्षक, कोच और खिलाड़ी उपस्थित थे।
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेल के महत्व को हमें भूलना नहीं चाहिए। जीवन में खेलकूद का महत्व पढ़ाई-लिखाई के साथ आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को अपने कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। खेलकूद से शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है। खेलकूद न केवल मनोरंजन करते हैं, अपितु स्वास्थ्य को उत्तम भी बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ्य रहेंगे, तो पढ़ाई-लिखाई में अच्छे से मन लगेगा। श्री उपाध्याय ने कहा कि राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की सभी गतिविधियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिभावान विद्यार्थी जहां खेलकूद की गतिविधियों में आगे रहते हैं, वहीं उनकी सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, गायन की प्रतिभा भी निखरती हैं। बच्चों में बौद्धिक तर्कशक्ति एवं विश्लेषणात्मक क्षमता भी बहुत कूट-कूट कर भरी है, जो प्रश्न मंच, वाद-विवाद, निबंध आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से पता चलता है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पदभार ग्रहण करने के बाद राज्य में एकलव्य विद्यालयों के बच्चों के लिए क्रीड़ा प्रतियोगिताएं शुरू की गई। वर्ष 2019-20 में एकलव्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में कुल 34 पदक जीते, जिसमें 10 स्वर्ण, 17 रजत और 7 कांस्य पदक प्राप्त किए यह अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में लगभग 15 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
महापौर एजाज ढेबर ने प्रतियोगिता में शामिल सभी खिलाड़ियों का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफल खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर मिलेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहतर प्रदर्शन कर राज्य और अपने स्कूल का नाम रोशन करेंगे। महापौर ने कहा कि प्रतियोगिता में बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ ही संस्कृति को बचाने पर भी ध्यान दिया गया है। भविष्य में इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘‘हार जब होती है, जब मान ली जाती है, जीत तभी होती है, जब ठान ली जाती है‘‘।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने प्रतियोगिता के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश में कुल 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिसमें बस्तर संभाग में 29, सरगुजा संभाग में 21, बिलासपुर संभाग में 11, दुर्ग और रायपुर संभाग में 5-5 विद्यालय हैं इनमें 10 कन्या, 6 बालक और 55 सह-शिक्षा विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययन होता है। प्रत्येक कक्षा में 60-60 सीट स्वीकृत हैं। वर्तमान में 15 हजार 581 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इन विद्यालयों में जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा जिला स्तर पर कराई जाती है। कोविड-19 के कराण वर्ष 2020-21 में प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया। उसके पूर्व वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय पर खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता भोपाल-मध्यप्रदेश में संपन्न हुई थी, इसमें छत्तीसगढ़ से विभिन्न विधाओं में कुल 268 विद्यार्थी शामिल हुए, जिसमें से 116 विद्यार्थी (98 बालक एवं 18 बालिकाएं) विजयी हुए थे। इन विद्यार्थियों ने 16 स्वर्ण, 17 रजत और 7 कांस्य पदक जीतकर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया था। इस वर्ष यह प्रतियोगिता विद्यालय स्तर पर, जिला स्तर पर और संभाग स्तर पर आयोजित हुई। संभाग स्तर पर चयनित विद्यार्थी आज राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं। राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, बैंडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, फुटबाल, हैंडबाल, हॉकी, कबड्ड़ी, खो-खो, तैराकी, ताईक्वांडों, वालीबॉल, तीरंदाजी, कराटे, कुश्ती, टेबल टेनिस शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक प्रतियोगिता के अंतर्गत संगीत, नृत्य और बौद्धिक प्रतियोगिता के अंतर्गत तात्कालीक भाषण, निबंध, वाद-विवाद, प्रश्न मंच, पोस्टर एवं चित्रकला प्रतियोगिता को शामिल किया गया है।

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