नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल डीलर संगठन फाडा ने कोविड के नए वैरिएंट को वाहन उद्योग के लिए बड़ा जोखिम बताया है। फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते जोखिम से दुनियाभर में डर फैलने लगा है। पहले से चल रहे सेमीकंडक्टर संकट के बीच महामारी दोबारा बढ़ने का वाहन आपूर्ति पर बुरा असर पड़ेगा। इससे 2022 की पहली छमाही में वाहन कंपनियों का कारोबार, बिक्री और आपूर्ति बुरी तरह चरमरा सकती है।
हालांकि, दूसरी छमाही से सेमीकंडक्टर की आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है, जिसके बाद मांग भी बढ़ेगी। अगर कोरोना पूरी तरह बीत जाए तो 2023 में वाहन उद्योग वापस पटरी पर आ सकता है और बिक्री दोबारा कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी।
दोपहिया बाजार पर बढ़ा संकट
गुलाटी ने कहा कि दोपहिया बाजार दबाव में है। ग्रामीण क्षेत्र की मांग घटने से दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले कुछ महीनों से लगातार घट रही है। अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो दोपहिया वाहनों के बाजार पर और असर दिखेगा। गौरतलब है कि फाडा देशभर में 15 हजार डीलर व 26,500 डीलरशिप का प्रतिनिधित्व करती है।