स्वतंत्रता एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक मार्ग है : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए 13-19 दिसंबर, 2021 तक रक्षा मंत्रालय के समर्पित सप्ताह के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के कई अहम कार्यक्रमों का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री द्वारा एक वर्चुअल प्रदर्शनी, पाथ टू प्राइड, सार्वजनिक प्रदर्शनियों, चयनित संग्रहालयों और डीडीपी के 75 प्रस्तावों को प्रदर्शित करने वाली एक पुस्तिका का उद्घाटन/लॉन्च किया गया। सप्ताह भर चलने वाले देशव्यापी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए डीडीपी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत को एक शुद्ध रक्षा आयातक से शुद्ध रक्षा निर्यातक बनाने की दिशा में प्रयासों के बारे में जानकारी फैलाने में मददगार होगा। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और अन्य सशस्त्र बलों के जवानों को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 08 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी, मंत्री महोदय ने परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, जनरल रावत को अभी भी बहुत कुछ करना था। हमारे सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और रक्षा क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भरता उनके दिल के करीब विषय थे। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल करने के लिए अथक प्रयास करें। राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता का क्या अर्थ है, इस पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता केवल प्राप्त करने या अर्जित करने की चीज नहीं है, यह बनाए रखने की भी चीज है, जिसके लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है। उन्होंने कहा, स्वतंत्रता एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक मार्ग है। एक संप्रभु राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता का अर्थ रक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित कोई भी निर्णय लेने की क्षमता है। किसी भी स्थिति में हम तभी कोई फैसला ले सकते हैं जब हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हों।

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