विभूतियां हुई राज्य अलंकरण से सम्मानित
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य अलंकरण समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य हर क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। मुझे यह कहते हुए बहुत प्रसन्नता और गर्व की अनुभूति हो रही है कि परमात्मा और प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को जो वरदान दिए हैं, छत्तीसगढ़वासी उन वरदानों को सहेजने और उनसे अपना जीवन संवारने में सफल हुए हैं। मुझे विश्वास है कि हम अपने संसाधनों का संतुलित और बेहतर उपयोग करते हुए सबसे विकसित राज्यों में शामिल होंगे। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में योगदान देने वाले पुरखों का भी स्मरण किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई दी और राज्य अलंकरण पुरस्कार प्राप्त करने वाले विभूतियों को भी बधाई और शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आधारभूत संरचनाओं सहित विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध है। शासन द्वारा जनकल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। जनजातियों के उत्थान एवं कल्याण के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ठोस धरातल निर्मित हुआ है। इस दौर में राज्य में विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक रूप से भी एक अलग पहचान बनी है। वर्तमान में भी सांस्कृतिक समृद्धि के लिए चहुंमुखी प्रयास किये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में संसाधन पर्याप्त है, चाहे वन हो, चाहे खनिज हो या मानव संसाधन हो। संसाधनों के दोहन में हमें सतत विकास का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज हमें संकल्प लेना होगा कि छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर ले जाने के लिए सब मिलजुल कर प्रयास करें।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने कम समय में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है, हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहा है। छत्तीसगढ़ का लिंगानुपात हमारे राष्ट्रीय औसत लिंगानुपात से अधिक है। हमारी बेटियां भी हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की एक विशेष बात यह है कि यहां की मातृशक्ति काफी जागरूक है। यहां की स्व-सहायता समूह से जुड़ीं 50 लाख से अधिक महिलाएं स्वयं के साथ-साथ परिवार और समाज को भी सशक्त कर रही हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ लोककला, साहित्य एव युवा महोत्सव का आयोजन किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर हर साल 12 से 14 जनवरी तक आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि कहा कि हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा को पुनः स्थपित करने और छत्तीसगढ़ बोली-भाषा को आगे बढ़ाने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन का हक दिया है। वनवासियों को वन अधिकार पट्टा दे रहे हैं। आदिवासियों की उद्योग के लिए ली गई भूमि वापस लौटाई है। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लघु वनोपज की खरीदी की बेहतर व्यवस्था की है। आम लोगों, किसानों, मजदूरों की आय को बढ़ाने का काम किया है। राजीव गांधी न्याय योजना की तीसरी किश्त राशि के रूप में आज 1500 करोड़ रूपए किसानों के बैंक खाते में अंतरित किए गए हैं। अब तक किसानों को इस योजना के जरिए 4500 करोड़ रूपए से अधिक की राशि दी जा चुकी है। हमने राज्य में कृषि भूमिहीन मजदूरों को अनुदान सहायता देने के लिए योजना शुरू की है। भूमिहीन मजदूरों को मदद पहुंचाने वाली यह देश में अपने तरह की पहली योजना है। इसके तहत भूमिहीन परिवारों को प्रति वर्ष 6 हजार रूपए की राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरे देश में सब तरह की आर्थिक गतिविधियां बंद थी, हमने तेंदूपत्ता की खरीदी की और संग्राहकों को 600 करोड़ रुपए का भुगतान किया। हम राज्य में गौ माता की सेवा कर रहे हैं। गौ माता की सेवा के लिए 7700 से अधिक गौठान बनाए हैं। यहां गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 54 लाख 76 हजार किवटल गोबर की खरीदी की और 109 करोड़ रुपये का भुगतान भी ग्रामीणों और पशुपालकों को किया है। मुख्यमंत्री इस मौके पर छत्तीसगढ़ निर्माण में योगदान देने वाले समस्त पुरखों, साहित्यकारों, कलाकारों को नमन किया और प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा की बधाई और शुभकामनाएं दी।
समारोह को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित किया और कहा कि राज्योत्सव का आयोजन राज्य की जनता का उल्लास का प्रतीक है। उन्होंने राज्य के निर्माण में योगदान देने वाले पुरूखों का पुण्य स्मरण किया और सभी लोगों को राज्योत्सव एवं दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था के लिए 21वां साल महत्वपूर्ण होता है। छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना का 21वां साल मना रहा है। राज्य स्थापना दिवस का स्वरूप गरिमामय हो गया है। उन्होंने सभी लोगों को राज्योत्सव की बधाई दी और कहा कि विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले विभूतियों को राज्य अलंकरण सम्मान से विभूषित कर शासन-प्रशासन अपने आप को गौरान्वित महसूस करता है।
सम्मानित हुई विभूतियां, फिल्म भूलन द मेज को एक करोड़ का पुरस्कार
राज्यपाल अनुसुईया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कला, साहित्य, संस्कृति और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियां हासिल करने वाले विभूतियों को राज्य अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह में संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित बिहिनिया, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वाद्य यंत्र, आदिवासी नृत्य पर आधारित पुस्तिका एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 के कॉफी टेबल बुक के कव्हर पेज का विमोचन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य की फिल्म नीति के प्रावधान के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त क्षेत्रीय फिल्म भूलन द मेज के निर्माता निर्देशक को राज्य शासन की ओर से एक करोड़ रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया।
परिवहन विभाग की प्रदर्शनी को प्रथम पुरस्कार
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में लगाई गई विकास प्रदर्शनी के लिए भी विभागों को पुरस्कृत किया। विकास प्रदर्शनी के लिए परिवहन विभाग को प्रथम, कृषि विभाग को द्वितीय तथा नगरीय प्रशासन एवं ऊर्जा विभाग को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार सार्वजनिक उपक्रम द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी के अंतर्गत एनएमडीसी को प्रथम, बाल्को को द्वितीय तथा भिलाई स्टील प्लांट को तृतीय पुरस्कार मिला।
छत्तीसगढ़ शौर्य पदक से सम्मानित हुए जवान
राज्य अलंकरण समारोह के अवसर पर राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अदम्य साहसिक कार्यों के लिए पुलिस बल के जवानों को भी राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। पुलिस आरक्षक सुमारू कर्ति, केशव लाल सरोज, बैशाखू राम सोम, पुनउ राम दुग्गा, सकेन्द्र कुमार नेताम, विवेश सिंह एवं रमेश कुमार अंधारे को छत्तीसगढ़ शौर्य पदक से सम्मानित किया गया। पुलिस बल सम्मानित जवान दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर जिले मे पदस्थ हैं।
राज्य अलंकरण समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंह देव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, संसदीय सचिवगण, विधायकगण, विभिन्न निगमों, मण्डलों के अध्यक्षगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।