कॉलेज में प्रिंसिपल ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

पुलिस को मिला सुसाइड नोट, तीन लोगों ने किया मजबूर
भिलाई।
अहिवारा के नागरिक कल्याण कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. भुवनेश्वर नायक 55 साल ने गुरुवार को कॉलेज के पुराने भवन के एक कमरे में लाईलोन की रस्सी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पास से सुसाइड नोट भी पुलिस ने बरामद किया है। बताया जा रहा है कि प्राचार्य भुवनेश्वर नायक कोविड से ठीक होने के बाद मानसिक रूप से परेशान रहते थे। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस को मिले सुसाइड नोट में कॉलेज के ही तीन लोगों का सरनेम लिखकर इसके लिए मजबूर किये जाने का उल्लेख है। पुलिस ने जांच का हवाला देकर उन तीन लोगों का नाम उजागर नही किया है।
मिली जानकारी के अनुसार डॉ. भुवनेश्वर नायक गुरुवार सुबह 8 बजे घर से कॉलेज जाने के लिए निकले थे। इसके बाद कॉलेज के कमरे में उनका शव लटका मिला। कॉलेज के कर्मचारी जब वहां पहुंचे तो उन्हें घटना की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस के पूछताछ में जानकारी मिली कि प्राचार्य डॉ. नायक सुबह कॉलेज जाने से पहले बाजार से नाइलोन की रस्सी खरीद कर लाए थे। इसके बाद बाइक से सीधा कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग में पहुंचे और ताला खोल कर कमरे में चले गए। इसके बाद बाइक के ऊपर खड़े होकर रस्सी से फंदा बनाया और फिर लटक कर जान दे दी।
गड़बडिय़ों का विरोध करते थे डॉ. नायक
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जो तीन नाम सुसाइड नोट में मिले हैं वह नागरिक कल्याण कॉलेज के हैं। तीनों लोग अपनी मर्जी से कॉलेज को चलाना चाहते थे। डॉ. नायक इन सब में उनका साथ नहीं दे रहे थे। वह लोग न सही से क्लास लगने देते थे न कॉलेज की व्यवस्था बनने देते थे। कॉलेज के हर काम में डॉ. नायक का विरोध करने के चलते वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। इसी के चलते डॉ. नायक ने उच्च शिक्षा विभाग को यह लिखकर दे दिया था कि वह प्राचार्य का प्रभार नहीं लेना चाहते हैं।
कुलपति के निरीक्षण में मिली थी कई खामियां,कहा था प्राचार्य के पद मुक्त करने
करीब सप्ताह भर पहले यूनिवर्सिटी कुलपति के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली थीं। इस दौरान उन्होंने बताया भी था कि वह कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार संभाल नहीं सकते हैं, इसलिए उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए।
हर सवाल पर मुझे माफ कर दो मैडम कह रहे थे डॉ. भुवनेश्वर-कुलपति पल्टा
कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने बताया कि निरीक्षण के बाद घर जाते समय उनकी मुलाकात डॉ. भुवनेश्वर नायक से हुई थी। उस समय उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी। कुलपति ने उन्हें निरीक्षण और शिकायत के बारे में बताया तो हर सवाल के जवाब के में डॉ. भुवनेश्वर मुझे माफ कर दीजिए मैडम ही बोल रहे थे। इसके बाद कहा कि वह कॉलेज के प्राचार्य की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकतें। कोविड हो जाने के बाद से काफी तनाव रहता है। उन्होंने बताया कि वह उच्च शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखकर दे चुके हैं कि उनसे कॉलेज प्राचार्य का प्रभार ले लिया जाए।

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