इटली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, जी-20 शिखर बैठक में लेंगे भाग

वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से भी करेंगे मुलाकात
रोम।
प्रधानमंत्री मोदी अपने पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर गुरुवार देर रात दिल्ली से इटली के लिए रवाना हुए। इस दौरान वे इटली में आयोजित जी-20 शिखर बैठक में भाग लेंगे, जहां वह अन्य जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होंगे।
इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 30-31 अक्तूबर तक रोम में होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी पीएम मारियो ड्रैगी के साथ बैठक भी करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से भी मिलेंगे।
दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रोम में आयोजित 16वें जी-20 सम्मेलन में भाग लेने जा रहा हूं। इस दौरान जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर होने वाली चर्चा होगी। 29 से 31 अक्तूबर के दौरान रोम और वेटिकन सिटी का भी दौरा करूंगा। इसके बाद मैं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर एक से दो नवंबर तक ग्लासगो की यात्रा पर रहूंगा।
कोप-26 में एक नवंबर को भाग लेंगे
पीएम मोदी ब्रिटेन के ग्लासगो में सीओपी-26 वर्ल्ड लीडर्स समिट में भी हिस्सा लेंगे और कार्बन स्पेस के समान वितरण समेत जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने की जरूरत को रेखांकित करेंगे। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए पार्टियों का 26वें सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें दुनिया भर के 120 देशों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि यह आठवीं जी-20 बैठक है, जिसमें पीएम शामिल होंगे। पिछले साल संगठन की शिखर बैठक कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल हुई थी। उसकी मेजबानी सऊदी अरब ने की थी। इससे पहले जून 2019 में जापान के ओसाका में हुई जी-20 बैठक में पीएम मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर भाग लिया था। इटली की मेजबानी में होने वाली इस साल की बैठक का विषय `जनता, पृथ्वी और समृद्धि (पीपल, प्लेनेट, प्रास्पैरिटी) है। यह विषय यूएन के टिकाऊ विकास के एजेंडा 2030 पर आधारित है।
इटली बैठक का फोकस कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्थाओं को उबारना, वैश्विक स्वास्थ्य सुशासन, जलवायु परिवर्तन, टिकाउ विकास और खाद्य सुरक्षा। श्रृंगला ने कहा कि भारत इटली द्वारा चुने गए प्राथमिकता क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है। हम इनमें से प्रत्येक विषय पर इटली के साथ हैं और इसी के आधार पर बैठक में विचार विमर्श होगा।
विदेश सचिव ने कहा कि जी-20 शिखर बैठक विचार विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें नए नीतिगत मसलों, जिनका नागरिकों के जीवन पर असर होता है, पर विचार किया जाता है। ये मसले वैश्विक वित्तीय स्थिरता, टिकाऊ वित्त, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा आदि हैं। प्रधानमंत्री मोदी रोम बैठक में वैश्विक चुनौतियों पर भारत का रुख सामने रख सकते हैं। वे अफगानिस्तान की स्थिति पर समग्र रूप से वैश्विक दृष्टिकोण की पैरवी करने के साथ ही जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुटता की भी बात कर सकते हैं।
अफगानिस्तान को मानवीय मदद करेंगे
श्रृंगला ने कहा कि हम अफगानिस्तान को मानवीय मदद उपलब्ध कराने के पक्ष में हैं। यदि मौजूदा परिस्थितियां जारी रहीं तो हम इसके लिए तैयार हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या भारत अफगानिस्तान को खाद्यान्न भेजेगा? विदेश सचिव ने बताया कि जी-20 देशों के बीच महामारी से उबरकर पुन: खड़े होने को लेकर सर्वसम्मति है। इसमें मुख्य फोकस रोजगार सृजन और कौशल विकास है। यह समग्र विचार विमर्श का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
इंटरनेशनल ट्रैवल शुरू करने पर देंगे जोर
विदेश सचिव ने कहा कि एक-दूसरे की वैक्सीन व वैक्सीन दस्तावेजों को मान्यता देकर इंटरनेशनल ट्रैवल फिर शुरू करने का हमारा प्रस्ताव है। जी-20 में शामिल उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों को इसे मजबूत समर्थन है।
भारत-नेपाल के बीच हुई अहम बैठक
इस बीच भारत और नेपाल के बीच गुरुवार को आपसी सुरक्षा से जुड़े मामलों पर अहम बातचीत हुई। इस दौरान ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों ने आपसी मामलों पर विचार के लिए एक खास ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप की यह 14वीं मीटिंग थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। भारतीय दल की अगुआई ज्वॉइंट सेक्रेटरी (नॉर्थ) अनुराग श्रीवास्तव ने की। नेपाल की तरफ से तीर्थराज वाग्ले मीटिंग में शामिल हुए। मीटिंग में डिफेंस, फॉरेन मिनिस्ट्री और होम मिनिस्ट्री के अफसर भी शामिल हुए।

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