दो वकीलों ने की है उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग
नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई शुरू करेगा। दो वकीलों ने पत्र लिखकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की हत्या के मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।
उन्होंने सीबीआई को भी इस जांच में शामिल करने की अपील की है। सीजेआई एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आठ अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा उठाये गए कदमों पर असंतोष जताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लिथा था स्वत: संज्ञान
लखीमपुर खीरी हिंसा के तीन बाद बुधवार (छह अक्तूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और गुरुवार को सुनवाई की थी। लखीमुपर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान पुलिसिया कार्यवाई में शिथिलता बरतने के चलते राज्य सरकार को मुख्य न्यायाधीश के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया था कि क्या हत्या के आरोपियों को पुलिस नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाती है?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिखी। कोर्ट ने कहा कि आठ लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, इस मामले में सभी आरोपियों के लिए कानून एक समान है। कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में जरूरी कदम उठाएगी।
ज्ञातव्य है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्तूबर की दोपहर खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र मुख्य आरोपी है। अब तक इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे आशीष मिश्र समेत दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं।