रायपुर
सरकारी स्कूलों में बाल पत्रिका किलोल की खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को जमकर शोर शराबा हुआ। पत्रिका की खरीदी के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठे करने का आरोप विपक्ष ने लगाया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने एक हफ्ते के भीतर किलोल पत्रिका की खरीदी से जुड़े तमाम जानकारियोंं की रिपार्ट स्कूल शिक्षा मंत्री से मांगी है।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि स्कूलों में मासिक बाल पत्रिका, और अन्य पत्रिका खरीदी के लिए प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा द्वारा आदेश जारी किए गए। पत्रिकाओं की खरीदी के लिए सीआरसी अनुदान राशि के उपयोग करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी स्कूलों में बाल पत्रिका की आजीवन सदस्यता ग्रहण करते हुए संकुल समन्वयकों द्वारा अपने संकुल की शालाओं में बच्चों को पत्रिका के विभिन्न गीत, कविता, कहानियों का वाचन करवाते हुए परीक्षण करवाया जाए। साथ ही संकुल के बच्चों और शिक्षकों को पत्रिका में अपनी आलेख भेजने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए राज्य में प्रत्येक मासिक पत्रिका किलोल की आजीवन सदस्यता के लिए 10 हजार रुपए व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री चंद्राकर ने पूछा कि किलोल पत्रिका की खरीदी के लिए निर्देश जारी हुए हैं, या अन्य पत्रिकाओं के लिए भी निर्देश दिए गए हैं? इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी पत्रिकाओं के खरीदने के लिए आदेश दिए गए हैं। इस पर पूर्व मंत्री ने किलोल, और अन्य पत्रिकाओं की खरीदी के लिए नियम और प्रक्रियाओं की जानकारी मांगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा निर्देश जारी किया गया। स्कूलों में इस तरह की खरीदी की जाती है।
श्री चौबे ने पिछली सरकार में भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी, और अन्य की किताबें खरीदी गई थी। पूर्व मंत्री श्री चंद्राकर संतुष्ट नहीं हुए, और उन्होंने कहा कि वो स्कूल शिक्षा मंत्री रहे हैं, और पिछले सरकार के समय की खरीदी की जांच की भी चुनौती दी। श्री चंद्राकर ने कहा कि निजी लोगों पर भी दबाव डालकर किलोल पत्रिका खरीदवाई गई है। पूर्व मंत्री ने यह भी पूछा कि कितने बच्चों के पत्रिका में आलेख छपे हैं? सदस्य धर्मजीत सिंह ने किलोल पत्रिका खरीदी के लिए आपराधिक कृत्य की आशंका जताई, और कहा कि किलोल की खरीदी के नाम पर करोड़ों रुपए इक_े किए गए हैं। यदि पुस्तक छपना बंद हो जाए, तो क्या होगा? विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हस्तक्षेप कर कहा कि उन्हें (डॉ. महंत) एक हफ्ते के भीतर किलोल पत्रिका खरीदी सहित तमाम जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए कहा है।