रायपुर
पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ के 100 अस्पताल राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक पर खरे उतरे हैं। शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले प्रदेश के 100 अस्पतालों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है। इनमें बलरामपुर से लेकर सुकमा तक के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। राज्य के कई शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों को भी गुणवत्ता प्रमाण पत्र से नवाजा जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में एक अप्रैल 2018 तक राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्राप्त एक भी अस्पताल नहीं था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में पहली बार प्रदेश के छह अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। इसके बाद 2021-22 में 43 और 2022-23 में 36 अस्पतालों का सर्टिफिकेशन किया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक नौ अस्पतालों को यह प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुका है। मुस्कान कार्यक्रम के अंतर्गत शिशु स्वास्थ्य संबंधी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी राज्य के चार अस्पतालों को गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया है।
उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए लगातार नई पहल की जा रही है। अस्पतालों की अधोसंरचना मजबूत करने के साथ ही मेडिकल उपकरणों और पर्याप्त दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ की लगातार भर्ती से पर्याप्त मानव संसाधन भी जुटाया जा रहा है। इनसे शासकीय अस्पतालों में लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के मूल्यांकन के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यहां के 100 अस्पतालों को एनक्यूएस प्रमाण पत्र प्रदान किया है।