कोरोना से लड़ाई में एकजुटता और सहयोग के लिए छत्तीसगढ़वासियों को नमन : भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने छग रत्न अवार्ड से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को किया सम्मानित
रायपुर।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों के लोगों ने जो सहयोग और एकजुटता दिखाई है, उसी के कारण आज छत्तीसगढ़ कोरोना वायरस से सुरक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने चाहे वह सामाजिक क्षेत्र से जुड़े हुए हो, औद्योगिक या व्यापारिक क्षेत्र से, चाहे हमारे डॉक्टरों, नर्सों, मीडिया कर्मियों के साथ आमजनों सहित सभी ने अपने-अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। राज्य सरकार के आव्हान पर लोगों की मदद के लिए समाज के सभी वर्गों के लोग सामने आए और अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता की सेवा में जुट गए। इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ वासियों को नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित किया। समारोह में राजधानी रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे और देवेश सिंह ने समारोह में अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी में जब लोगों ने अपनों का साथ छोड़ दिया था तब राज्य सरकार के आव्हान पर समाज के सभी वर्गों के लोग सहयोग के लिए आगे आए। इस संकट काल में लोगों का सहयोग सराहनीय रहा है। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ राज्य शासन द्वारा किए गए प्रयासों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के द्वारा दिए गए सहयोग को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अचानक लॉकडाउन लगने से लोग विषम परिस्थितियों में फंस गए थे। उनके सामने भोजन से लेकर आमदनी का संकट खड़ा हो गया था। इसके साथ ही साथ अस्पतालों में व्यवस्थाएं करने की जरूरत थी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप कम रहा। राज्य सरकार ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं की। जिससे कोरोना नियंत्रण में रहा। दूसरी लहर में सबसे बड़ी समस्या हमारे पास ऑक्सीजन की कमी की थी। हमारे पास ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट थे, लेकिन सिलेंडरों की कमी थी। राज्य सरकार के आव्हान पर औद्योगिक घरानों ने 19 हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था की। राज्य सरकार ने भी 18 फैक्ट्रियों को मेडिसिनल ऑक्सीजन के उत्पादन की अनुमति दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो पाई और छत्तीसगढ़ ने दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई की। सभी अस्पतालों में जिला स्तर से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिस्तरों की व्यवस्था की गई। ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था के साथ वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई। वेंटिलेटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ में 24 घंटे लोगों की विषम परिस्थितियों में किट पहन कर सेवा की। रायपुर नगर निगम ने राशन वितरण का कार्य राजधानी में बखूबी किया। विभिन्न समाज के लोगों ने भी भोजन की व्यवस्था करने और अपने सामाजिक भवन मरीजों के लिए उपलब्ध कराये। सभी सहयोग से आज छत्तीसगढ़ कोरोना संकट से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में बड़ी संख्या में लोगों ने मानवता की सेवा की। आज प्रतीक स्वरूप उनमें से कुछ लोगों का सम्मान किया जा रहा है।
महापौर एजाज ढेबर ने भी अपने संबोधन में इस लड़ाई में समाज के सभी वर्ग के लोगों, औद्योगिक और व्यापारी वर्ग, एनजीओ, धर्म प्रमुखों द्वारा दिए गए सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि संकट के इस दौर में छत्तीसगढ़ में कोई भूखा नहीं सोया। इंसानों के साथ-साथ पशुओं का भी ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा कि इंडोर स्टेडियम में नगर निगम द्वारा बनाए गए अस्पताल में 76 प्रतिशत लोग स्वास्थ्य होकर अपने घर गए। शिव दुबे ने स्वागत भाषण दिया।

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