पूर्व विधायक ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट में लिखा डॉ. रमन और अभिषेक का नाम

पुलिस ने बरामद किया रजिंदरपाल भाटिया का सुसाइड नोट
राजनांदगांव।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने सुसाइड करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था। पुलिस ने यह नोट बरामद कर लिया है। इस नोट में उन्होंने अपनी बिमारी का जिक्र किया है, साथ ही इसमे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र अभिषेक सिंह का भी जिक्र है।
क्या लिखा है रजिंदरपाल भाटिया के सुसाइड नोट में….
अपने आखरी पत्र में भाटिया ने लिखा- `मुझे पता है कि मैं जो भी किया हूं, मुझे कोई माफ नहीं करोगे। मैंने अपने पेट की बीमारी को ठीक कराने सभी तरफ हाथ पैर मारे, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। मेरे सुपुत्र लकी, बहू सोनिया, मैंने जहां चाहा इलाज के लिए भेजा। भेजने की जल्दी-जल्दी व्यवस्था की। मेरे बाल बच्चों ने हमेशा साथ दिया। मान सम्मान मेरे सुख सुविधा का पूरा ख्याल रखा।
उन परिवार वालों को मेरे भाई पप्पू, बेटी प्रीति, दामाद हरदीप, रानी, गोल्डी, रिची कुछ नाम भूल गया हूं। वह भी सभी मुझे माफ कर देना। एक दिन तो मुझे जाना ही था, लेकिन भगवान की मर्जी के खिलाफ जा रहा हूं। वाहेगुरु मुझे माफ कर देना। मेरी पत्नी से भी कोई शिकायत नहीं है। मेरी पार्टी वालों से भी कोई शिकायत नहीं है। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ सम्मान दिया।
विशेष रूप से डॉक्टर रमन सिंह, अभिषेक सिंह से भी बहुत सम्मान मिला, जिनकी बदौलत 3 बार विधायक और मंत्री बना। कार्यकर्ताओं ने भरपूर प्यार दिया। सभी से माफी चाहता हूं, बहुत लोग दुखी होंगे। कुछ लोग खुश भी होंगे। उनकी खुशी मुबारक। मेरे जाने के बाद किसी से कोई प्रकार की पूछताछ की जरूरत नहीं है, क्योंकि दोषी तो मैं स्वयं हूं। सभी लोग तो मेरा भला चाहते थे। बहुत सारी परेशानी झेलनी पड़ती है। अब नहीं सहा जाता। बस अब जाने दो। दिन प्रतिदिन परेशानी बढ़ती जा रही है। अपनी परेशानी को किसी को नहीं बताया।
पप्पू छोरिया में इसी वास्ते आया था कि कुछ दिन तेरे साथ रह लूं। वैसे मेरे को पता था कि मैं अब ज्यादा दिन नहीं जी पाऊंगा। अभी-अभी दिन और रात बहुत परेशानी से गुजर रहा था। ठीक-ठाक तो भी कभी और साथ रहने का मन था, लेकिन कुछ नहीं बचा। अपने आप को दुखी मत होने देना। परिवार को तेरे को ही हिम्मत देना है। बस मैं जा रहा हूं। पीठ वाले फोड़े ने तो मेरा जीना-सोना हराम कर दिया था। 24 घंटे जलन और दर्द फोड़े में मैं और पेट में भी बेचैनी। क्या करूं कोई दवा भी काम नहीं आ रही है।

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