नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने अपने मिराज-2000 विमानों के बेड़े को बरकरार रखने के लिए फ्रांस की वायु सेना से चरणबद्ध तरीके से हटाए गए मिराज विमानों को खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर किया है। इससे भारतीय वायु सेना का मिराज बेड़ा लंबे समय तक सेवा में बना रहेगा। बालाकोट में आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक में भी इन्हीं विमानों का इस्तेमाल किया गया था। इन विमानों ने स्पाइस-2000 बम दागे गए थे।
फ्रांस की वायु सेना ने कुछ दिन पहले मिराज जेट की एक स्वाड्रन को सेवा से बाहर किया था, इन विमानों को खरीदने के लिए 31 अगस्त को एक करार पर हस्ताक्षर किए गए। करार के तहत फ्रांस की वायुसेना से बाहर किए गए विमानों को भारत लाया जाएगा। इनमें से किसी भी विमान को उड़ाने के लिए काम नहीं लिया जाएगा, बल्कि इनके कलपुर्जों से भारत के 50 मिराज-2000 विमानों के बेड़े को लंबे समय तक सेवा में बनाए रखने की क्षमता में सुधार आएगा। बीते वर्ष भी इसी तरह के समझौते के तहत कुछ विमान ग्वालियर पहुंचे थे।
‘सूर्य किरण’ कल से
भारत व नेपाल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण का 15वां संस्करण 20 सितंबर से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शुरू हो रहा है। इस दौरान, भारतीय व नेपाली सेना की एक-एक इन्फैंट्री बटालियन एक-दूसरे के साथ अपने-अपने देशों में लंबे समय तक विभिन्न आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन के दौरान हासल हुए अनुभवों को साझा करेंगी।