राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना अंतर्गत 12 हजार 600 से अधिक भूमिहीन परिवारों के मिले आवेदन, 30 तक होंगे पंजीयन

बिलासपुर। राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस वर्ष से संचालित राजीव गांधी ग्राामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत् जिले में अब तक 12 हजार 600 से अधिक भूमिहीन परिवारांे के आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना अंतर्गत पंजीयन का कार्य 30 नवम्बर तक किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार की पहचान कर इन परिवारों को 6 हजार रूपए वार्षिक आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे उनके शुद्ध आय में वृद्धि होगी। योजना अंतर्गत पंजीयन के लिए कृषि मजदूरों से जिले के 483 ग्राम पंचायतों में 1 सितम्बर से आवेदन लिए जा रहे है। बिल्हा जनपद पंचायत के 127 ग्राम पंचायतों में अब तक 3 हजार 183 आवेदन प्राप्त हुए है। इसी तरह कोटा के 131 ग्राम पंचायतों में 2 हजार 350 आवेदन, मस्तूरी के 103 ग्राम पंचायतों में 2 हजार 284 आवेदन और तखतपुर जनपद पंचायत के 122 ग्राम पंचायतों में 4 हजार 896 आवेदन प्राप्त हो चुके है।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी ग्राामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना अंतर्गत हितग्राहियों की 1 अप्रैल की स्थिति में निर्धारित पात्रता होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे सभी मूलनिवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे, जिनके पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि, वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि परिवार के मुखिया को आदान सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी ग्राामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल rggbkmny.cg.nic.in पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को अनुदान की पात्रता नहीं होगी।

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