असाधारण प्रतिभा से मलखंब में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नाम रोशन कर रहे नारायणपुर के मानु ध्रुव

जिले के 70 मल्लखम्भ खिलाड़ियों कोे दिया जा रहा है नियमित प्रशिक्षण
नारायणपुर।
नारायणपुर जिले के ओरछा ( अबूझमाड़ ) के छोटे से गांव आसनार निवासी 12 वर्षीय मानु ध्रुव पिता केराम ध्रुव अपनी असाधारण प्रतिभा से मलखंब में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं। मानु ने मलखंब जूनियर प्रतियोगिता में व्यक्तिगत श्रेणी में अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 1 गोल्ड एवं राज्य स्तर पर 2 गोल्ड मेडल हासिल किये हैं। इसके साथ ही पूरी टीम को राष्ट्रीय स्तर पर 1 गोल्ड प्राप्त हुआ हैं। मानु ध्रुव के पिता केराम ध्रुव अबूझमाड़ ओरछा के ग्राम आसनार में ही रहते हैं। इनके पिता खेती-किसानी करते हैं तथा माता भी दिहाड़ी मजदूरी करती है, जिससे घर-परिवार का पालन-पोषण हो रहा है। इतनी विषम परिस्थितियां होने के बावजूद मानु ध्रुव में खेल के प्रति लगन कम नहीं हुई और लगातार अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाते आ रहे हैं।
मानु ध्रुव के प्रशिक्षक मनोज प्रसाद ने बताया कि वह 12 वर्ष का है। इसके मलखंब से जुड़ने के संबंध में उसने बताया कि जिला स्तरीय कार्यक्रम में इसने मलखम्ब खेल को देखा था। छोटे-छोटे बच्चों को मलखंब करते देख उसके मन में भी इस खेल के प्रति रूची जागृत हुई। प्रशिक्षक श्री मनोज ने बताया कि जब वह देवगांव के पोटा केबिन में बच्चों का सलेक्शन करने गया तो मानु ध्रुव में इस खेल के प्रति लगाव को देखा तब से उसे वह प्रशिक्षण दे रहा है। इसके बाद वह लगातार निपुणता हासिल करते गया और आज विषम परिस्थितियों में भी नारायणपुर का नाम रोशन कर रहा है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में उसने कई प्रमाण पत्र एवं पदक हासिल किये हैं। उसका मलखंब से इतना जुड़ाव हो गया है कि उसने अपने साथ आसपास के बच्चो को भी मलखंब से जोड़ा है। मानु ध्रुव की प्रतिभा और हासिल पदकों के कारण भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा 10 हजार रूपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जा रही है। मलखंभ के प्रशिक्षक मनोज प्रसाद द्वारा वर्ष 2017 से क्षेत्र के बच्चों को मलखंभ का विशेष अभ्यास कराया जा रहा है। जिससे यहां के बच्चे अन्य राज्यों में जाकर मलखंभ का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, और अपने जिले एवं राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा मल्लखम्भ खेल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिभागियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अभ्यास के लिए आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस के लिए 14 लाख 45 हजार की राशि मलखंम्भ प्रशिक्षण के लिए तथा 6 लाख रुपये खेल सामग्री के लिए प्रदान किया गया है। प्रशिक्षण केन्द्र में कुल 120 खिलाड़ी पंजीकृत है, जिसमें लगभग 70 खिलाड़ी नियमित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण में 40 बालक तथा 30 बालिका शामिल है। इस प्रशिक्षण केन्द्र से लगभग 40 प्रतिभागियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व किया गया है। मल्लखम्भ खेल प्रशिक्षण के लिए खेलो इंडिया लघु केन्द्र संचालन के लिए प्रस्ताव खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ ने भारत सरकार को भेजा है। 32वीं राष्ट्रीय मलखम्भ चौम्पियनशिप बिलासपुर में जिले के मलखंभ खिलाड़ियों ने 8 स्वर्ण पदक एवं 3 कास्य पदक प्राप्त कर चुके हैं। जिले के मलखम्भ खिलाड़ी दिल्ली, मुंबई, गुजरात, गोवा एवं तमिलनाडू में भी अपना प्रदर्शन दिखा चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने नारायणपुर प्रवास के दौरान मल्लखंभ के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा था, और उसकी प्रशंसा अपने मासिक रेडियो वार्ता में भी किया था।

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