रायपुर। प्रकृति प्रदत्त वनौषधियों के संरक्षण तथा संवर्धन को बढ़ावा देने संबंधी कार्यशाला का आयोजन आज वन मंडल बिलासपुर के अंतर्गत खोन्द्रा बोईरपड़ाव में सम्पन्न हुआ। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन और छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी तथा सदस्य सचिव अरूण पाण्डेय के निर्देशानुसार आयोजित कार्यशाला में प्राकृतिक वनस्पतियों की उपलब्धता के मूल्यांकन और उनके संरक्षण तथा संवर्धन पर विस्तार से चर्चा हुई। कार्यशाला में संयुक्त वन प्रबंधन समिति, जैव विविधता प्रबंधन समिति तथा पारंपरिक वैद्यकला से जुड़े लगभग 60 लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में वन मंडलाधिकारी बिलासपुर कुमार निशांत ने बताया कि यह कार्यशाला प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले वनौषधियों के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए काफी उपयोगी होगी। इसमें प्राकृतिक रूप से वनस्पति आधारित आजीविका विकास सुनिश्चित करने के लिए 75 औषधीय पौधों के बारे में परिचर्चा की गई। इसी तरह परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ के सचिव निर्मल अवस्थी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य परंपरा के संवाहक पारंपरिक वैद्यों तथा वनौषधि संग्राहकों के सतत आजीविका विकास के लिए जैव विविधता बोर्ड के माध्यम से अनुकरणीय पहल की जा रही है। इस दौरान उप वन मंडलाधिकारी बिलासपुर सुनील बच्चन तथा औषधीय पादप बोर्ड के वनस्पति विशेषज्ञ संगीता श्रीवास्तव ने स्थानीय लोगों से परिचर्चा कर दस्तावेजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।