रायपुर। श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए कलाई पर राखी बांधती हैं। रक्षा बंधन पर भद्रा काल और राहु काल में राखी नहीं बांधी जाती है। इस बार राखी पर भद्रा का साया नहीं होगा, लेकिन शाम 5 बजकर 16 मिनट से लेकर 6 बजकर 54 मिनट तक राहु काल रहेगा। इस बीच भाई की कलाई पर भूल से भी राखी ना बांधें। 22 अगस्त को सुबह 06 बजकर 14 मिनट तक भद्रा रहेगी। इसके बाद दिन भर रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा सकता है, जबकि पूर्णिमा तिथि शाम 05 बजकर 31 मिनट तक ही रहेगी। इसलिए 05.31 से पहले ही भाई की कलाई पर राखी बांध दें।
अक्सर बाजार से राखियां खरीदकर घर लाते वक्त वो टूट जाती हैं और हम उसे वापस जोड़कर सही कर लेते हैं। ज्योतिष के मुताबिक, अगर कोई राखी खंडित हो जाए तो उसका प्रयोग वर्जित होता है। ऐसी राखी को भाई की कलाई पर कभी नहीं बांधना चाहिए। ज्योतिषिविद कहते हैं कि रक्षा बंधन पर कई लोग जाने-अनजाने में बड़ी गलतियां कर जाते हैं जो बेहद अशुभ होती हैं।
रक्षा बंधन पर इन गलतियों से बचें-
प्लास्टिक को केतु का पदार्थ माना गया है और ये अपयश को बढ़ाता है। इसलिए इस त्योहार पर आपको प्लास्टिक की राखियां खरीदने से बचना चाहिए।
बाजार में राखियां खरीदते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि वे किसी धारदार या नुकीली चीज के प्रयोग से ना बनी हो। शुभ मौकों पर ऐसी चीजें अशुभ मानी जाती हैं, इसलिए ऐसी राखी खरीदने से बचें।
ज्योतिष के मुताबिक, इस दिन बहन को धारदार या नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए। जैसे छुरी कांटे का सेट, मिक्सी, आइना या फोटो फ्रेम जैसी चीजें नहीं देनी चाहिए।