38 वर्षों के संघर्षों बाद मनेन्द्रगढ़ को मिले जायज हक का विरोध करना समझ से परे

जब तक जिंदा हूँ भरतपुर, मनेंद्रगढ़ व चिरमिरी को किसी को छिनने नहीं दूंगा – कमरो
मनेंद्रगढ़।
स्वतंत्रता दिवस पर चार नए जिले में मनेंद्रगढ़ के नाम की घोषणा होते ही बैकुण्ठपुर से विरोध की लगातार आ रही आवाज पर सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व विधायक गुलाब कमरों ने कड़ी
प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने मनेन्द्रगढ़ के वाजिब हक को कांग्रेस सरकार बनने पर 38 वर्ष बाद प्रदान किया है नए जिले ने विकास, उन्नति‌ व प्रगति के रास्ते खोले है। क्षेत्र का आदिवासी नेता होना क्या अपराध है ? क्या आदिवासी सामंत साही के प्रताड़ना से पीड़ित रहेगा ? क्या आदिवासी का हक उसके जल जंगल जमीन पर नहीं रहेगा ?
आज जब भरतपुर मनेंद्रगढ़ चिरमिरी क्षेत्र को उसका हक 38 वर्ष के बाद मिल रहा है तो जिस तरह से राक्षसी उपहास हमारे लोगों का उस समय किया गया था आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं । मैं जब तक जिंदा हूं भरतपुर , मनेंद्रगढ़ , चिरिमिरी को किसी को छीनने नहीं दूंगा !
अब आदिवासी एवं पिछड़ो को विकास की मुख्यधारा में जुड़ने का अवसर मिला है । इस स्थिति में राजनीति से ऊपर उठकर फैसले का स्वागत करना चाहिए ।
मनेन्द्रगढ़ जिले एवं क्षेत्र के विभाजन का विरोध करने वालो को जनता कभी माफ नही करेगी ।
अब शोषण की राजनीति बर्दाश्त नही होगी मनेन्द्रगढ़ जिले के विभाजन का विरोध करने वालो को जनता देगी करारा जवाब ।

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