उज्जैन। अगहन कृष्ण अष्टमी पर 19 नवंबर को भगवान महाकाल के सेनापति व अंवतिका के क्षेत्रपाल भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मध्यरात्रि में 12 बजे भगवान को 11 हजार लड्डुओं का महाभोग लगाकर जन्म आरती की जाएगी। 20 नवंबर को शाम 4 बजे कालभैरव सेनापति पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे।19 नवंबर को रात 9 बजे आरती के बाद भगवान का सोने के बरक से चोला श्रंगार होगा। पश्चात सिंधिया राजवंश की ओर से भेजी गई राजसी पगड़ी धारण कराकर श्रृंगार किया जाएगा। अभिषेक पूजन के बाद भैरव सहस्त्रानामावली के पाठ व बटुक भैरव के जप होंगे।भगवान को 56 भोग के साथ 11 हजार लड्डुओं का भोग लगेगा। रात्रि 12 बजे महाआरती होगी इसके बाद भंडारे का आयोजन होगा। 20 नवंबर को परंपरानुसार शाम 4 बजे भैरवगढ़ क्षेत्र में भव्यता के साथ बाबा की पालकी निकाली जाएगी। सवारी में हाथी, घोड़े, रथ, बैंड एवं अखाड़े शामिल होंगे।