साध्वी की पालखी यात्रा में 5 किमी तक चला श्वान, दिया वफादारी का उदहारण

सूरत। जानवरों में अगर सबसे वफादार कोई है तो वो है श्वान। इनकी वफादारी की कई किस्से मशहूर हैं। ऐसा ही एक किस्सा गुजरात के सूरत में देखने को मिला। जैन साध्वी के निधन के बाद एक श्वान उनकी पालखी यात्र के साथ शमशान घाट तक चला। सूरत शहर के वेसू क्षेत्र में जैन संप्रदाय के एक 100 वर्षीय साध्वी का समाधि अवस्था में निधन हो गया। उनकी पालखी यात्रा के साथ एक श्वान भी 5 किलो मीटर दूर उमरा श्मशान घाट तक साथ चलता रहा। पालखी के सदस्यों ने सोचा कि कुत्ता वापस वेसु के पास कैसे पहुंचेगा, इसलिए उन्होंने उसे एक कार में बिठा दिया और उसे वेसू क्षेत्र में छोड़ दिया।
100 वर्षीय पीयूष वर्षा साध्वी महाराज का बुधवार को जीडी गोयनका स्कूल के सामने रामेश्वरम अपार्टमेंट में निधन हो गया। साध्वी महाराज पीयूष वर्षा जो कुछ समय से वेसू क्षेत्र के उप-आश्रय में रहे थे, इस श्वान को नियमित रूप से भोजन, पानी के साथ दया और करुणाभाव देते थे।
जब साध्वी महाराज की पालखी यात्रा निकाली गई, तो यह श्वान पालखी के ठीक नीचे चलना शुरू कर दिया। वहां मौजूद लोगों को थोड़ी देर के लिए लगा कि हर कोई इकट्ठा हो रहा है इसलिए वह भी हमारे साथ चल रहा है। इसके बाद पालखी यात्रा में शामिल हुए लोगों ने कुत्ते को बाहर निकाल दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद, वह पालखी के नीचे फिर से चलना शुरू कर दिया और जब तक वह पांच किलोमीटर दूर उमरा श्मशान घाट तक नहीं पहुंचे तब तक पालखी के नीचे चलता रहा। जब महात्मा का अग्नि-संस्कार किया गया, तब भी श्वान पास में ही खड़ा रहा।
घटना को देखने के बाद, पालखी के साथ आए सदस्यों को आश्चर्य हुआ कि यह श्वान अब वापस कैसे जाएगा, तो श्वान को प्यार से पालखी समूह के एक सदस्य ने उठा लिया फिर तुरंत गाड़ी में डाल दिया और फिर उसे वेसू क्षेत्र में छोड़ दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *