हड़तालियों पर बीएसपी प्रबंधन की सख्ती : 13 कर्मी निलंबित, 4 के खिलाफ एफआईआर

19 कर्मियों को कारण बताओ नोटिस
भिलाई।
काम बंद कर प्रदर्शन करने वाले कर्मियों के खिलाफ भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रबंधन ने 4 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर के लिए भट्टी थाने में शिकायत पत्र दिया है। वहीं 13 कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इसी प्रकार 19 को शोकाज नोटिस जारी किया है। ये कर्मचारी शनिवार से हड़ताल पर थे। बिना किसी यूनियन का समर्थन लिए कर्मचारियों ने एक होकर URM, BRM, और ब्लास्ट फर्नेस-,8 जैसी महत्वपूर्ण पांच इकाइयों में उत्पादन को पूरी तरह ठप कर दिया था। वायर राड मिल और मर्चेट मिल जैसी कुछ मिलों में भी हड़ताल का आंशिक असर देखा गया।
भिलाई स्टील प्लांट के पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन 2 में 24 अप्रैल को करीब 7.00 बजे, PBC- 2 प्लांट के कुछ कार्मिकों ने STG-4 के कंट्रोल रूम के अंदर ज़बरदस्ती व अनाधिकृत रूप से घुस कर स्टीम टर्बो जेनेरटर-4 इकाई का पूरा ऑपरेशन ज़बरदस्ती बंद कर दिया। इससे बॉयलर प्रेशर बढ़ जाने की वजह से स्टीम टर्बो जनरेटर शट डाउन हो गया। और इसके सभी सेफ्टी वाल खुल गए जिसके कारण 22.5 मेगा वाट पावर जनरेशन बंद हो गया।
सुबह 7.10 बजे पर शिफ्ट इंचार्ज को जब यह मालूम हुआ कि STG-4 को जबरदस्ती बंद कर दिया गया है। उसने तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए SPG-4 को फिर चालू करने की प्रक्रिया प्रारंभ किया। STG-4 के बंद होने से संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति बंद हो जाती और ऑक्सीजन उत्पादन ठप हो जाता। भिलाई इस्पात संयंत्र से संपूर्ण देश के विभिन्न अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा है। इस लापरवाही से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो सकती थी। आज राष्ट्रीय विपदा में ऑक्सीजन संकट को उत्पन्न करना, निश्चित ही एक राष्ट्रद्रोह है।
उत्पादन की क्षति सिर्फ बीएसपी या सेल की क्षति नहीं है ,बल्कि यह राष्ट्रीय क्षति है। इसमें पब्लिक का पैसा लगा हुआ है। इस प्रकार की हरकत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वह भी उस वक्त जब जिला और पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा हो, जिले में एस्मा लगा हो, लॉकडाउन चल रहा हो ऐसे वक्त पर कार्य बंद करना सर्वथा गलत है। सेल-बीएसपी प्रबंधन ने इन हरकतों को संज्ञान में लेते हुए 13 कार्मिकों को निलंबित कर दिया है और 19 कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
भिलाई स्टील प्लांट में शनिवार को हड़ताल हुई। बिना किसी यूनियन का समर्थन लिए कर्मचारियों ने स्वस्फूर्त होकर URM, BRM और ब्लास्ट फर्नेस 8 जैसी महत्वपूर्ण 5 इकाइयों में उत्पादन को पूरी तरह ठप कर दिया। वायर राड मिल और मर्चेंट मिल जैसी कुछ मिलों में भी हड़ताल का आंशिक असर रहा। हड़ताल की शुरुआत शुक्रवार की शाम वेज रिवीजन को लेकर NJCS सदस्य यूनियनों और प्रबंधन के बीच बैठक बिना नतीजे समाप्त होने के बाद ही हो गई थी। रात करीब 11:15 बजे URM के 35 कर्मचारियों ने टूल डाउन करते हुए हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल का व्यापक असर दूसरे दिन यानी शनिवार को देखने को मिला। एक एक कर बाकी मिल और शॉप्स में भी कर्मचारी टूल डाउन करते हुए हड़ताल पर चले गए। जिसकी वजह से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

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