नई दिल्ली। भारत में कोरोना ने फिर अपनी रफ्तार तेज कर दी है। देश की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आ रही है। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सरकार भी घबरा गई है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को कैबिनेट सचिव की सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बैठक जारी है। देश के 8 राज्यों में कोरोना के नए केसों में भारी उछाल देखा गया है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 81 हजार कोरोना के नए मामले आए हैं। पिछले साल सिंतबर-अक्टूबर 2020 के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा केस आए हैं। (महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात, एवं मध्य प्रदेश ) में कोरोना के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है। इन 8 राज्यों में कोरोना के 84.61 फीसदी मामले दर्ज हुए हैं।
मुंबई में कोरोना से सारे नए रिकॉर्ड टूटे
महाराष्ट्र में कोरोना ने तो कहर बरपा रखा है। मुंबई, पुणे, ठाणे में कोरोना संक्रमण के केस में भारी उछाला देखा गया है। मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 8 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। कोरोना के मद्दनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक में राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकती है।
00 दिल्ली में भी कोरोना के आंकड़ों में उछाल
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने पिछले दिन संकेत दिया था कि 2 अप्रैल से शहर में कुछ और पाबंदी लगाई जा सकती है। मुंबई में कोरोना के नए मामलों ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए वहीं दिल्ली में कोरोना के नए मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है। फिलहाल दिल्ली में वैसे तो सबकुछ सामान्य चल रहा था। लेकिन कोरोना ने दबी पांव दस्तक दे दी है। ऐसे में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कोरोना की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन हालात खराब हैं।
00 कोविड गाइडलाइन का पालन करना जरूरी
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर जिस तरह से देश में एंट्री की है उससे तो साफ है कि स्थिति भयानक होने वाली है। लोगों को फिर से पिछले साल जैसे स्थिति का सामना ना करना पड़े। हालांकि पिछले साल के मुकाबले सरकार और जनता सतर्क हैं। देश में कोरोना के टीका का तीसरा चरण चल रहा है। अभी तक 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। फिर भी देश का बड़ा हिस्सा टीका से वंचित है। ऐसे में सावधानी, सतर्कता और कोविड गाइडलाइन का पालन करना ही समझदारी है।