छगविस : मड़वा प्लांट गले में ऐसी फांस, जिसे न निगलते बन रहा और न उगलते : भूपेश बघेल

सदन में उठा मड़वा ताप विद्युत प्लांट का मामला
रायपुर।
विधानसभा बजट सत्र में राज्य में संचालित ताप विद्युत संयंत्रों और उससे उत्पादित विद्युत का मामला उठा। मंडवा ताप संयंत्र से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मड़वा गले की ऐसी फांस हैं, जिसे निगलते भी नहीं बन रहा और उगलते भी नहीं बन रहा।
सदन में भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने यह मामला उठाया था। उन्होंने मड़वा प्लांट कहा कि इसका उत्पादन बढ़ाने से सरकार को ज्यादा फायदा होगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के साथ जो एग्रीमेंट हुआ है, इसलिए बिजली देना हमारी बाध्यता है। लेकिन तेलंगाना सरकार बिजली का दो हजार करोड़ रुपये नहीं दे रही है, सिर्फ ब्याज का पैसा देती है।
उन्होंने कहा कि मड़वा ताप विद्युत गृह देश का सबसे महंगा पावर प्लांट है। तेलंगाना से यदि बकाया दो हजार करोड़ रुपये मिल जाये तो उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। लेकिन सिर्फ ब्याज का पैसा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके पहले प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों से उत्पादन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ताप विद्युत गृह कोरबा पूर्व 500 मेगावाट, हसदेव ताप विद्युत गृह 840 मेगावाट, कोरबा पश्चिम विस्तार 500 मेगावाट और अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत गृह मड़वा से 1000 मेगावाट की बिजली का उत्पादन हो रहा है।

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