जब बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज….

जांजगीर चांपा। कहते है कि बेटियां तो पराई होती है, ये सोचकर आज भी कुछ लोग घर में बेटी पैदा पर अफसोस जताते है और इनमें से कुछ तो ऐसे भी है जो या तो बेटियों को जन्म से पहले ही मार देते है। शायद वे कभी नहीं सोचते कि ये बेटियां पूरी उम्र उनका साथ देने के अलावा मरने के बाद भी बेटों का फर्ज निभाती है। आखिर आज भी बेटियां भी जता दिया कि किसी काम में बेटों से कम नहीं है। देश में अनेक ऐसे उदाहरण है कि जहां लड़कियों ने वो काम कर दिखाया है जो सिर्फ लड़कों का ही माना जाता था। ऐसा ही उदाहरण जांजगीर चांपा जिले डभरा थाना क्षेत्र के गांव नरियरा में देखने को मिला। डभरा थाना क्षेत्र में एक वृद्ध की मौत के बाद उसके बाद छह बेटियों ने अपने पिता को न केवल कंधा दिया बल्कि चिता को मुखाग्नि भी दी। डभरा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव नरियरा में धरमदास कुर्रे की मौत हो गई। उनके घर में इससे भी ज्यादा शोक वाली बात ये थी कि उन्हें कोई कंधा देने वाला नहीं था। क्योंकि उसका बेटा ही नहीं था। धरमदास कुर्रे के 6 बेटियां उषा, नूतन, देवकी, अंगा, तुलसी, कमला है। लेकिन एक बार फिर बेटियों ने ये कर दिखायाा कि वो पराई नहीं होती और जरूरत आने पर वो ऐसा भी काम सकती है। जिसके लिए कोई सोच भी नहीं सकता और ऐसे में चिता को अग्नि देने के लिए बेटियों ने आगे बढ़ अपने पिता को स्वयं मुखाग्नि देने की घोषणा। फिर छह बेटियों अपने पिता को कंधा देकर मुक्तिधाम की ओर चल पड़े। मुक्तिधाम तक कंधा देेते हुए वे सभी रस्म अदा की जो एक हिंदू रीति.रिवाह से बेटा अपने स्वर्गीय पिता के लिए करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *