नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सल्फास कीटनाशक देकर दो बच्चों की बेरहमी से हत्या करने वाले की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, आरोपी बच्चों की मां के साथ रिश्ते में था और उसने जिंदगी की शुरुआत में ही मासूमों की जिंदगी छीन ली। कोर्ट ने गौरी शंकर नामक आरोपी को आईपीसी की धारा 302 का दोषी पाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।
निचली अदालत ने गौरी शंकर को चार और दो साल के बच्चे की हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी थी। गौरी शंकर ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने भी उसकी सजा बरकरार रखी थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, शिकायतकर्ता अंजू की शादी अजय कुमार से हुई थी और उनके दो बच्चे थे। अजय शराबी था और उसकी मौत हो गई। गौरी शंकर अंजू के पड़ोस में रहता था और वह अंजू और उसके दो बच्चों को पंजाब ले लाया। वह अंजू को प्रताड़ित करता था और उसके बच्चों से भी मारपीट करता था। वह धमकी देता था कि वह उसकी औलाद नहीं है, इसलिए एक दिन उन्हें मार डालेगा। 18 मार्च, 2013 को जब अंजू मंदिर से लौटी तो उसके बच्चे जमीन पर पड़े तड़प रहे थे। आरोपी ने उसे बताया था कि उसने दोनों बच्चों को जहर दे दिया था।