कहा- हिंसा भड़काने का नहीं था इरादा
मुंबई। टूलकिट विवाद में गिरफ्तार निकिता जैकब ने गणतंत्र दिवस से पहले जूम मीटिंग में शामिल होने की बात स्वीकर कर ली है। इस मीटिंग में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल, दिशा रवि और अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए थे। जैकब के वकील द्वारा मुंबई पुलिस को सौंपे गए एक दस्तावेज में दावा किया गया है कि टूलकिट
को एक्स्टिशिएशन रिबेलियन (एक्सआर) इंडिया द्वारा तैयार किया जा रहा है।
इस कबूलनामे के बावजूद जैकब ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के साथ किसी भी जानकारी को साझा करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि दस्तावेज़ एक सूचनात्मक पैक
था और हिंसा भड़काने का इरादा नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उसकी कोई भी धार्मिक या राजनीतिक मंशा नहीं थी।
इसके अलावा, जैकब ने चार सप्ताह के लिए गिरफ्तारी पर रोल लागने की मांग की है। साथ ही किसी भी आक्रामक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण और दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति साझा करने के लिए एक निर्देश देने की मांग की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ट्विटर पर गणतंत्र दिवस से पहले तूफान पैदा करने के लिए खालिस्तानी पोएट्री जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एम. धालीवाल ने अपने एक सहयोगी के जरिए एक्टिविस्ट निकिता जैकब से संपर्क किया।
सूत्रों के मुताबिक, चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गई और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की। इससे टूलकिट दस्तावेज़ के निर्माण और उसके प्रसार के संबंध में 21 वर्षीय दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। वह टूलकिट
दस्तावेज़ के संपादकों में से एक थी। दिशा को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। बाद में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया।