फास्टैग से दिसंबर में टोल संग्रह 200 करोड़ बढ़कर 2,304 करोड़ तक पहुंचा

नई दिल्ली। फास्टैग के जरिये पथकर संग्रह दिसंबर 2020 में बढ़कर 2,303.79 करोड़ रुपये पहुंच गया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले महीने के मुकाबले पथकर संग्रह 201 करोड़ रुपये अधिक रहा है। इसी प्रकार, फास्टैग के जरिये पथकर लेन-देन में 1.35 करोड़ की वृद्धि हुई। सरकार ने एक जनवरी, 2021 से फास्टैग के क्रियान्वयन को अनिवार्य किया था। हालांकि, लोगों को असुविधा से बचाने के लिये 15 फरवरी तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर हाइब्रिड लेन (फास्टैग के साथ नकद भुगतान) की अनुमति दी है।
एनएचएआई ने एक बयान में कहा, फास्टैग के जरिये पथकर संग्रह दिसंबर 2020 में 201 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,303.79 करोड़ रुपये पहुंच गया जो नवंबर 2020 में 2,102 करोड़ रुपये था। फास्टैग के जरिये मासिक आधार पर दिसंबर में 1.35 करोड़ अधिक लेन-देन किये गये।
बयान के अनुसार, फास्टैग के जरिये दिसंबर में 13.84 करोड़ लेन-देन हुए जो नवंबर 2020 में 12.48 करोड़ लेन-देन के मुकाबले 10.83 प्रतिशत अधिक है। साथ ही, 2.30 करोड़ फास्टैग उपयोगकर्ताओं के साथ कुल पथकर संग्रह में इसका योगदान 75 प्रतिशत से अधिक है। ई-पथकर का लक्ष्य हासिल करने के लिये 15 फरवरी, 2021 से सभी पथकर भुगतान फास्टैग के जरिये होंगे।
मालूम हो कि अब 15 फरवरी 2021 तक टोल प्लाजा पर कैश की लाइन चलेगी। उसके बाद फास्टैग के वाहन ही निकल पाएंगे। अगर वाहन में फास्टैग नहीं लगा होगा तो टोल प्लाजा पर निर्धारित शुल्क का दो गुना जुर्माना देना होगा। खास बात रहेगी कि टोल प्लाज पर फास्टैग के काउंटर पर फास्टैग खरीदने की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। गौरतलब है कि पहले 31 दिसंबर 2020 तक फास्टैग लगवाने की अंतिम तिथि थी, लेकिन एनएचएआइ ने इसमें कुछ छूट दे दी है। 1 जनवरी से फास्टैग लागू होने को लेकर वाहन मालिक परेशान थे। अब उनकी परेशानी कम हो गई है। उन्हें फास्टैग लगवाने के लिए समय मिल गया है। सरकार ने पूर्व में एक जनवरी से शत प्रतिशत फास्टैग लागू करने का निर्णय लिया था। इसके तहत फास्टैग नहीं होने पर वाहनों से 1 जनवरी से ही दोगुना जुर्माना वसूला जाना था। अब डेढ़ महीने के लिए वाहन मालिकों को राहत मिल गई है।

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